Bihar By-Polls: बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद कांग्रेस पूरे एक्शन में दिखाई दे रही है। दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में जमीनी लड़ाई को तेज करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने टीम कन्हैया को पटना भेजा है। इसमें कन्हैया कुमार के साथ हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी भी शामिल हैं।
कन्हैया कुमार ने पटना के सदाकत आश्रम में अपने स्वागत भाषण में बिहार के सभी क्षेत्रीय दलों पर जमकर हमला बोला। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि हमारे पिता ने हमें राजनीति में कोई थाती नहीं दी और जिनके पिता ने राजनीति में सबकुछ दिया वो उसे दूसरों को देने के बजाय खुद के आसपास ही समेट कर रखे हुए हैं।
पढ़े-लिखे प्रवक्ता लठैत की भाषा बोलते हैं
कन्हैया कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज झा पर भी तंज कसा। कन्हैया ने मनोज झा का नाम लिए बिना कहा कि आजकल एक पढ़े-लिखे प्रवक्ता लठैत की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सीना ठोंककर कह रहा हूं कि कोई प्रवक्ता बताये कि कांग्रेस छोड़कर विपक्ष का कौन ऐसा दल है, जिसने भाजपा को गले न लगाया हो।
बिहार के लोगों पर हाल ही में हुए कश्मीर में हमले का जिक्र करते हुए कन्हैया ने कहा कि बाहर के लोग बिहारी लोगों की तारीफ करते हैं कि बहुत मेहनती होते हैं। हम मेहनती हैं क्योंकि हम आपकी गंदगी भी साफ करते हैं, आपके लिए मजदूरी भी करते हैं और जरूरत पड़ने पर आप हमें गोली भी मार देते हैं। आखिर हमें अपमान और मार के अलावा मिलता क्या है? बिहारी होने का मतलब गाली नहीं है, गौरव है और इस बात को हमें पुनः स्थापित करना होगा। हमें बिहार के इतिहास का पुर्जागरण करना होगा।
जनता को अब चुनावी नेता नहीं चाहिए
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पहली बार बिहार की राजधानी पटना पहुंचे कन्हैया कुमार,हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी के साथ मिलकर 23 अक्टूबर से तारापुर और कुशेश्वरस्थान में होने वाले उपचुनाव में प्रचार करेंगे। सदाकर आश्रम के सम्मान समारोह में कांग्रेस के तीनों युवा नेताओं ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी केंद्र और राज्य की नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जनता को अब वे नेता नहीं चाहिए, जो केवल चुनाव भ्रमण करते हों।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व ही जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री से राजद औऱ खासकर तेजस्वी यादव परेशान चल रहे हैं। दरअसल तेजस्वी को यह भय लगा हुआ है कि कन्हैया कुमार जिस तरह से राष्ट्रीय और बिहार की राजनीति में हावी हो रहे हैं, युवा हैं और जूझारू हैं तो कहीं न कहीं उनकी कांग्रेस में एंट्री से तेजस्वी की राह में रोड़ा अटक सकता है।