UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) कई मुद्दों पर भारत को घेरते हुए नजर आए। जिसपर भारत ने भी शहबाज शरीफ को करारा जवाब दिया। दरअसल, UNGA में पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि “हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता। लेकिन भारत ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है, जिससे यह दुनिया का सबसे ज्यादा सैन्यीकृत क्षेत्र बन गया है” भारत को रचनात्मक जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए विश्वसनीय कदम उठाने चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने संबोधन में कहा कि हम पड़ोसी हैं और हमेशा के लिए हैं, चुनाव हमारा है कि हम शांति से रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें। भारत को यह संदेश साफ तौर पर समझना चाहिए कि दोनों देश हथियारों से लैस हैं। 1947 के बाद से हमने 3 युद्ध किए हैं और इसके परिणामस्वरूप, दोनों तरफ केवल दुख, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। युद्ध कोई विकल्प नहीं है, केवल शांतिपूर्ण बातचीत से ही मुद्दों का समाधान हो सकता है ताकि आने वाले समय में दुनिया और अधिक शांतिपूर्ण हो जाए।
UNGA: भारत का करारा जवाब
शहबाज शरीफ के दिए गए बयान पर भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो (Mijito Vinito) ने कहा कि पाकिस्तान को भारत पर झूठे आरोप लगाने से पहले आत्मनिरीक्षण कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि पाक पीएम ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए इस सभा का मंच चुना।
पाकिस्तान अपने ही देश में कुकर्मों को छिपाने और भारत के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया है। एक राजनीति जो दावा करती है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहती है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगी, न ही भयानक मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगी।
मिजिटो विनिटो ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा की इच्छा को साकार किया जा सकता है। यह तब होगा जब सीमा पार आतंकवाद बंद हो जाएगा, सरकारें अंतर समुदाय और उनके लोगों के साथ साफ हो जाएंगी, अल्पसंख्यकों को सताया नहीं जाएगा।” पाकिस्तान “अपने ही देश में कुकर्मों को छुपाता है।”
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