Russia-Ukarin War: रूस के यूक्रेन पर हमले की घटना के बाद से दुनिया में हड़कंप का माहौल है। हमले की वजह से यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों को भारत वापस लाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में याचिका दाखिल की गई है।
याचिका में केंद्र सरकार से यूक्रेन में फंसे बच्चों को वापस लाने की मांग करते हुए उन बच्चों को मेडिकल सुविधा, रहने और खाने की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है। इसके अलावा याचिका में बच्चों के भविष्य को देखते हुए, उनकी की पढ़ाई (Studies) में रुकावट न हो, बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन कराए जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने की मांग भी की गई है। याचिका दाखिल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट से करेंगे।
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भारतीय नागरिकों को सकुशल वापस लाना सरकार की जिम्मेदारी
रूस-यूक्रेन संकट गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गया, क्योंकि एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें केंद्र सरकार को युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने में तेजी लाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में रूसी बलों के घातक आक्रमण के बीच यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए चिकित्सा और खाद्य आपूर्ति सहित आपातकालीन सामानों की आपूर्ति की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि भारतीय नागरिकों को वापस लाना सरकार की जिम्मेदारी है।
कई राज्य सरकारों ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र
तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा सहित राज्य सरकारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर केंद्र से भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने भी नागरिकों की सुरक्षित वापसी का अनुरोध करते हुए प्रधान मंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है।
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात बिगड़ने पर सैकड़ों फंसे हुए भारतीय छात्रों ने गुरुवार को सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की। सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए, जिसमें आंसू बहाने वाले छात्रों ने भारतीय अधिकारियों से उनकी निकासी की व्यवस्था करने का आग्रह किया।
भारतीय दूतावास ने लिखा पत्र
कीव में भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने यूक्रेन सरकार को भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर एक पत्र लिखा है। वहां करीब 15 हजार से अधिक भारतीय विद्यार्थी (Students) यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। पत्र में भारतीय दूतावास ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और वे जहां हैं, वहां बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। भारतीय दूतावास ने यूक्रेन (Ukrain)सरकार से वहां फसे लोगों को भोजन- पानी जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का पर्याप्त प्रबंध करने को भी कहा।
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