पाकिस्तान इस समय आर्थिक मंदी और महंगाई की चपेट में है लेकिन इस सबके बाद भी देश के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर अवाम सड़कों पर है। पूरे देश में धारा 144 लागू है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि जैसे पाकिस्तान के हालात हैं ऐसे में कैसे इमरान अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं। इसके पीछे एक कहानी है कि कैसे एक प्लेबॉय पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बना।
इस समय इमरान खान के खिलाफ उनके देश में बहुत से मुकदमे दर्ज हैं। पिछले साल उन्होंने अप्रैल महीने में सत्ता गंवा दी थी। आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान के हालात साल भर में बदले नहीं हैं लेकिन इमरान खान को लोग आज भी चाहते हैं। दरअसल 2018 के चुनाव में इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से वादा किया था कि वे देश में भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे, अपने मुल्क को समृद्ध बनाएंगे। इमरान के जरिए लोकतांत्रिक तरीके से देश को खुशहाल बनाने का सपना एक आम पाकिस्तानी देखता है, इसलिए वह उनके साथ खड़ा है।
लेकिन पाकिस्तान की सेना ने सत्ता में रहने के बावजूद इमरान खान को अपने अंगूठे के नीचे दबाये रखा। इमरान खान के जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ कैसे रिश्ते थे ये आम है। ध्यान देने वाली बात ये है कि सेना ने पाकिस्तान पर एक लंबे अरसे तक शासन किया है। देश के कई आर्थिक संस्थानों पर आज भी सेना का गहरा प्रभाव है। इमरान खान का कार्यकाल पूरा नहीं हो सका और उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी। इसलिए भी देश की जनता चाहती है कि इमरान राजनीति में बने रहें।
1996 से इमरान खान ने सक्रिय राजनीति शुरू की और तहरीक-ए-इंसाफ की स्थापना की। लेकिन इमरान खान को सियासी कामयाबी बहुत बाद में जाकर मिली। जब पाकिस्तान की जनता भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से तंग आ गई तो इमरान का असर बढ़ने लगा। इमरान खान की पार्टी से पाकिस्तान के युवा जुड़ने लगे। 2018 के चुनाव में इमरान खान ने पाकिस्तान की जनता को खुशहाली के सपने दिखाये। जिसकी बदौलत वे जीते।
इमरान के निजी जीवन की बात करें तो 1952 में जन्मे इमरान के पिता इंजीनियर थे। लाहौर में पले बढ़े इमरान पढ़ाई करने के लिए ऑक्सफोर्ड भी गये। एक समय तो ऐसा था कि उनकी छवि एक प्लेबॉय की मानी जाती थी। साल 1995 में उन्होंने जेमिमा गोल्डस्मित से शादी की। हालांकि 2004 में इस जोड़े का तलाक हो गया। इमरान की रेहम खान से शादी भी कामयाब नहीं हो सकी। इसके बाद बुशरा बीबी से इमरान ने तीसरी शादी की।









