पाकिस्तान राजनीतिक स्तर पर भारत से रिश्ते सुधारने की बात करता है लेकिन जब बात आंतकवाद की हो तो उसके कदम खुद ब खुद पीछे हटने लगते हैं। दरअसल, पाकिस्तान खुद ही आतंकवादी संगठनों को भारत से ज्यादा तवज्जो देता है, इसीलिए भारत से उसके ऱिश्ते दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। इसी तरह एक बार फिर पाकिस्तान के तरफ से रिश्ते सुधारने की पहल हुई है। पाकिस्तान चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा  ने अपने देश के सांसदों से भारत के साथ रिश्ते सुधारने को कहा है। बाजवा ने इस कदम में पाकिस्तानी सेना के समर्थन का भी आश्वासन दिया है।

वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने आज कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता एक ही शर्त पर संभव हो सकती है जब वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को समर्थन देने से रोके। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की हरकतों को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि वह शांति वार्ता चाहता है। वैसे कहा जा कहा है कि पाकिस्तान के तरफ से ये पहल अमेरिका के दबाव में किया जा रहा है लेकिन उसके पीछे की मंशा क्या है, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।

इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान की सीनेट कमेटी की बैठक में बाजवा ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘सेना भारत के साथ संबंध सामान्य करने के तहत उठाए गए राजनीतिक कदमों का समर्थन करती है।’ पाकिस्तानी सेना को लेकर आम तौर पर माना जाता है कि वह भारत के खिलाफ रहती है। यही वजह है कि उसके मौजूदा प्रमुख के इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि  बाजवा ने भारत पर बेबुनियाद आरोप भी लगाया। उन्होंने पाकिस्तान में अस्थिरता और आतंकवाद को बढ़ावा देने का जिम्मेदार भारत को ठहराया।

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