भारत और अमेरिका ने आज (22 सितंबर) अरबों डॉलर के ड्रोन सौदे को अंतिम रूप दिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की साथ ही दोनों नेताओं ने ड्रोन सौदे पर भी विस्तार से चर्चा की। आपको बता दें, भारत, अमेरिका से 31 MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन ड्रोन खरीदने जा रहा है और इन ड्रोन की कीमत करीब 3 अरब डॉलर है। खबरों के मुताबिक, नए ड्रोन चीन सीमा पर ही तैनात किये जाएंगे। नए ड्रोन से भारत का लक्ष्य है सीमा पर सशस्त्र बलों के निगरानी तंत्र को बढ़ाना।
भारत और अमेरिका के बीच इस ड्रोन सौदे के लिए बातचीत पिछले एक साल से भी ज़्यादा समय से चल रही है। ड्रोन खरीदने के अलावा, भारतीय नौसेना इस साल दो अन्य बड़े सौदे भी करने की सोच रही है, इनमें तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां और 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान शामिल हैं।
ड्रोन की खासियत
MQ-9B ड्रोन काफी ऊंचाई और लंबे समय तक उड़ने वाला रिमोट से संचालित मानव रहित विमान है।
यह खुफिया जानकारी एकत्र करते हुए निगरानी भी रखता है।
इसे सभी प्रकार के मौसम ( दिन हो या रात) में उपग्रह के माध्यम से क्षितिज पर 40+ घंटे तक उड़ान भरने और नागरिक हवाई क्षेत्र में सुरक्षित रूप से एकीकृत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
जनरल एटॉमिक्स के अनुसार, ड्रोन को कई ISR ऑपरेशन करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है-
मानवीय सहायता/आपदा राहत
खोज और बचाव
समुद्री डोमेन जागरूकता
एंटी-सरफेस युद्ध
एंटी-पनडुब्बी युद्ध
एयरबोर्न माइन काउंटरमेशर्स
एयरबोर्न अर्ली वार्निंग
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध
लंबी दूरी की रणनीतिक ISR
ओवर-द-हॉरिज़न टारगेटिंग