Germany: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद देश से लेकर विदेश तक चर्चाएं हो रही हैं।अब इसी कड़ी में जर्मनी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले में मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होने चाहिए। जिन्हें मोदी सरनेम को लेकर 4 वर्ष पूर्व की गई टिप्पणी के बाद मानहानि केस में कोर्ट ने दोषी करार दिया। उसके बाद इसी वजह से अब लोकसभा ने अयोग्य घोषित कर दिया है।
दरअसल जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एक संवाददाता सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे।इसी दौरान उन्होंने ये बात कही।कहा कि हमने भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ फैसले के साथ ही उन्हें मिले संसदीय जनादेश के निलंबन पर भी ध्यान दिया है।जानकारी के अनुसार राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं।
इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उन्हें मिले जनादेश के निलंबन का कोई आधार है?जर्मनी उम्मीद करता है कि इस मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू किए जाएंगे।
Germany: क्या है पूरा मामला ?
Germany: 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए, कांग्रेस सांसद ने कहा, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?” उनकी इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
राहुल गांधी पर धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह आखिरी बार अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे और अपना बयान दर्ज कराया था।
बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की शिकायत पर राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499, 500 (आपराधिक मानहानि) और 504 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पूर्णेश मोदी कौन हैं?
पूर्णेश मोदी भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। वह दिसंबर के चुनाव में सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से फिर से चुने गए थे। 2019 में, जब पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दायर किया, तो राहुल गांधी ने इसे नकार दिया था।
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