China Protest: चीन में एक तरफ जहां कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं वहीं दूसरी तरफ लोग लॉकडाउन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक तो लोग लॉकडाउन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन अब चीन में भारी विरोध उरूमकी शहर में हुई एक घटना को लेकर हो रहा है। दरअसल, उत्तर पश्चिमी चीन के शिनजियांग प्रांत में 25 नवंबर को एक 21 मंजिला बिल्डिंग में भीषण आग लगने की घटना सामने आई थी। आग में करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई लोग घायल हो गए थे।
China Protest: उरुमकी में 100 दिनों से लॉकडाउन
विरोध का एक कारण यह भी है कि लोगों का मानना है कि अगर वहां लॉकडाउन नहीं लगा होता तो मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं होती। लॉकडाउन के चलते बिल्डिंग में ज्यादा से ज्यादा लोग मौजूद थे। उरुमकी के लोग पिछले 100 दिनों से लॉकडाउन में हैं। जिसके चलते इतने लोगों की मौत हो गई। आग की वजह से इस बिल्डिंग में रेस्क्यू ऑपरेशन सही तरीके से नहीं हो पाया और लोग तड़प-तड़प कर मर गए।
लोगों का यहां तक कहना है कि भले ही प्रशासन लोगों की मदद करने में असफल रहा, लेकिन जब आम लोग बिल्डिंग में फंसे लोगों की सहायता करना चाहते थे तो प्रशासन ने उन्हें कोरोना प्रतिबंधो का हवाला देकर रोक दिया। चीन के लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते लोगों को अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और कई लोगों की मौत हो गई। यह खबर जब सोशल मीडिया पर तेजी से फैली तो, आस-पास के शहरों के लोग भी विरोध प्रदर्शन पर उतर आए।
नो टू लॉकडाउन, येस टू फ्रीडम- चीन के लोगों का नारा
वहीं अब चीन की राजनीति के बारे में अगर देखा जाए तो वहां के लोगों का कहना है कि पिछले 10 साल में राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार ऐसा प्रदर्शन झेल रहे हैं। कोरोना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का एक ही नारा है- नो टू लॉकडाउन, येस टू फ्रीडम। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अंत हो, शी जिनपिंग का अंत हो ऐसे नारे भी लगाए जा रहे हैं। साथ ही यह भी खबर सामने आई है कि बीबीसी के पत्रकार को पीटा गया, हथकड़ी लगाई गई।
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