Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के घर पर शुक्रवार की सुबह सीबाआई का छापा पड़ा है। जोधपुर स्थित अग्रसेन गहलोत के आवास पर ये कार्रवाई की जा रही है। सीएम के भाई पर आरोप है कि वर्ष 2007 से 2009 के बीच फर्टिलाइजर बनाने के लिए जरूरी पोटाश किसानों में बांटने के नाम पर सरकार से सब्सिडी पर खरीद कर प्रोडक्ट निजी कंपनियों को बेचकर मुनाफा कमाया था।
इस मामले को लेकर ED पहले से ही जांच कर रही थी और अब सीबीआई के आने से सीएम के भाई अग्रसेन की मुश्किलें बढ़ सकती है। कस्टम विभाग ने इस मामले में अग्रसेन की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ रुपये की पेनल्टी भी लगाई है। इस केस को लेकर अग्रसेन गहलोत ने हाईकोर्ट में ईडी द्वारा गिरफ्तारी न किए जाने की अपील की थी। इसके तहत कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
Rajasthan News: दिल्ली से पहुंची CBI की टीम
सीएम गहलोत के भाई के जोधपुर स्थित घर पर शुक्रवार को सीबीआई की टीम छापेमारी के लिए पहुंची है। CBI की टीम में पांच अधिकारी दिल्ली से जोधपुर पहुंचे हैं। वहीं पांच अधिकारी जोधपुर से हैं।फिलहाल अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच घर में किसी को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वहीं खबर है कि एक टीम अग्रसेन गहलोत के पावटा स्थित दुकान पर भी छापा मारने पहुंची है।
Rajasthan News: क्या है पोटाश घोटाला?
ईडी के अफसरों के मुताबिक अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि, म्यूरियेट ऑफ पोटाश (एमओपी) फर्टिलाइजर के एक्सपोर्ट पर बैन होने के बावजूद उसके निर्यात में शामिल थी। एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) इम्पोर्ट कर किसानों को सब्सिडी पर बेचती है।
अग्रसेन गहलोत IPL के ऑथराइज्ड डीलर थे। वर्ष 2007 से 2009 के बीच उनकी कंपनी ने सब्सिडाइज रेट पर एमओपी खरीदा, लेकिन उसे किसानों को बेचने की बजाय दूसरी कंपनियों को बेच दिया। उन कंपनियों ने एमओपी को इंडस्ट्रियल सॉल्ट के नाम पर मलेशिया और सिंगापुर पहुंचा दिया।
डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2012-13 में फर्टिलाइजर घोटाले का खुलासा किया था।भाजपा ने 2017 में इसे मुद्दा बनाया। सीबीआई की छापेमारी के बाद ये मामला एक बार दोबारा चर्चा में आ गया है।
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