UP News: यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के एक गांव के लोग प्रशासन के रवैये से परेशान हैं। निक्कमी प्रशासन व्यवस्था के कारण गांव में विकास कार्य का हाल खस्ता है। मामला सिद्धार्थनगर जिले के बर्डपुर विकास खंड के गांव परसा के अंतर्गत टोला सिसहनिया का है। जहां नालियों की व्यवस्था साफ- सफाई और सड़क निर्माण कार्य जीरो है। इतना ही नहीं ग्रामीण इस कदर परेशान हैं कि उन्होंने सफाई व्यवस्था खुद अपने कंधों पर उठा ली है। अब ग्रामीण आपस में मिलकर हर घर से चंदा इकट्ठा करके नाली एवं सड़क का निर्माण कार्य खुद कर रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि प्रशासन ने उनके गांव की अनदेखी की है।
UP News: स्थानीय निवासियों ने की शिकायत
गांव में विकास कार्य न होने और गांव वालों के खुद सड़क निर्माण का जिम्मा उठाने की घटना का ग्रामीणों ने पूरा वीडियो बना कर जानकारी दी। वीडियो में ग्रामीण हर घर से चंदा मांगते दिखाई दे रहे हैं वहीं ग्रामीण खुद नालियां साफ करते हुए एवं सड़क का निर्माण करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान कभी इस गांव में झांकने तक नहीं आएं, वहीं कुछ स्थानीय निवासी कहते हैं कि जब ग्राम प्रधान काम नहीं कर रहा है तो खुद ही सफाई और सड़क निर्माण का बीड़ा उठा लेंगे।
स्थानीय निवासियों का यह भी कहना है कि इस गांव में कुल 3 सफाईकर्मी तैनात हैं जिनमें से एक सफाई कर्मी विकलांग है और दूसरा और तीसरा सफाईकर्मी कभी काम पर ही नहीं आए। कुल मिलाकर तीनों सफाईकर्मी इस गांव से नदारद है। ऐसे में गांव के लोगों की समस्या बरकरार है। गंदगी से लोग बेहद परेशान रहते हैं और बच्चों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
UP News: जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
वीडियो सामने आने के बाद जब इस मामले पर ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने कैमरे पर आने से सीधे तौर पर मना कर दिया। इस मामले को लेकर जब जिलाधिकारी संजीव रंजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, मामला संज्ञान में आया है, डीपीआरओ एवं एडीओ पंचायत को निर्देश दिए गए हैं कि सफाई कर्मियों के कार्यों की समीक्षा की जाए और अगर वो काम सही से नहीं करते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाए।
आगे उन्होंने कहा कि अगर सच में ग्रामीणों की समस्या सही है और ग्रामीण खुद ही कार्य कर रहे हैं, तो ऐसे में सफाई कर्मियों की कोई आवश्यकता ही नहीं है उन्हें दोषी पाकर उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं अगर गांव के लोग मिलकर ग्राम प्रधान का काम कर रहे हैं तो प्रधान की भी जरूरत नहीं है। अगर ग्राम प्रधान इस तरह से काम कर रहे हैं तो उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा होता है और उन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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