सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को ढहाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की है। सुपरेटक एमेरॉल्ड कोर्ट ट्विन टावर मामले में कंपनी ने कोर्ट से 40 मंजिला ट्विन टॉवर-16 (एपेक्स) और 17(स्यान) को ढहाने के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की है।
सुपरटेक ने अपनी याचिका में कहा कि ट्विन टावर के ढहाने के आदेश पर रोक लगाई जाए। साथ ही कोर्ट दोनों टावर को गिराए जाने की बजाय एक टावर को गिराने का आदेश जारी करें। इसके लिए सुपर टेक ने तर्क दिया कि एक टावर गिराए जाने से करोडों रुपये बचेंगे बल्कि निर्माण भी नियम के मुताबिक हो सकेगा।
इतना ही नही सुपरटेक ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले में जो टिप्पणियां की गई है उनके मद्देनजर प्रोजेक्ट में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। जिसकी रूपरेखा याचिका के साथ पेश की गई है। जिसमे प्रोजेक्ट के संभावित बदलाव को रखा गया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले फैसले में दिया था दोनों टावर तोड़ने का आदेश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि, यह टॉवर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) और सुपरटेक की मिलीभगत से बने थे। रियल स्टेट (Real Estate) कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका देते हुए कोर्ट ने कहा कि तीन माह के भीतर कंपनी खुद के पैसों से दोनों ही टॉवर को तोड़े।
बता दें कि साल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इन टॉवर्स को गिराने का निर्देश दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह ने मामले की सुवाई करते हुए कहा कि, जिन लोगों ने भी सुपरटेक ट्विन टॉवर में फ्लैट्स लिए हैं। उन्हें 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम वापस की जाएगी। कोर्ट में कहा गया है कि टॉवर्स को तोड़ते वक्त अन्य बिल्डिंग्स को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
बता दें कि, 40 मंजिला सुपरटेक टॉवर में 1-1 हजार फ्लैट्स हैं। इस खबर को सुनने के बाद सुपरटेक में फ्लैट्स लेने वालों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 12 फीसदी ब्याज के साथ पैसे वापस किए जाएंगे।
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