MVA Mahamorcha: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का भव्य मार्च शुरू हो गया है। एमवीए ने सत्तारूढ़ बीजेपी के विरोध में’महामोर्चा’निकाला है। इस मार्च की शुरुआत भायखला से हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, चिरंजीव आदित्य ठाकरे मार्च में शामिल हो गए हैं और आजाद मैदान की ओर चल रहे हैं। इस मार्च में हजारों की संख्या में लोग जमा हुए हैं। हालांकि एक तरफ जहां महाविकास अघाड़ी ने मोर्चा निकाला है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी महा विकास अघाड़ी पर हिंदू देवी-देवताओं पर अपमान का आरोप लगाया है और उन्होंने भी विरोध मार्च का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि महाविकास अघाड़ी महापुरुषों के अपमान के विरोध में ये मार्च निकाल रही है। हालांकि इस मार्च में महाविकास अघाड़ी अलग अलग मुद्दे पर सड़कों पर उतरी है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक बयान देने का मामला सबसे ऊपर है। उनकी मांग है कि आपत्तिजनक बयान देने वाले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हटाया जाने की मांग की जा रही है।
MVA Mahamorcha: ‘महामोर्चा’ में एकजुट हुए अलग-अलग पार्टियों के नेता
हालांकि महापर्व के मौके पर जो तस्वीरें आप देख रहे हैं आज से पहले महाराष्ट्र में कभी देखने को नहीं मिली। शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी पार्टी, आरआईपी (दीपक निकलजे समूह), आरआईपी (खरात समूह) समाजवादी पार्टी, शेतकरी कामगार पक्ष, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीआई (एम), और अन्य वामपंथी संगठनों के साथ अम्बेडकरी संगठनों ने भाग लिया है। हैरान करने वाली बात इसलिए है क्योंकि यह पहली बार है कि ये सभी विरोधी विचारों के नेता होने के बावजूद एक मार्च में एक साथ नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार देखा जा रहा है। इस मोर्चे में सबके हाथों में झंडे हैं। कोई नीला झंडा लिए हुए है तो किसी के हाथ में भगवा झंडा, कोई लाल तो कोई हरा, पीला झंडा तो कोई तिरंगा झंडा लिए हुए है। कुछ के सिर पर नीली किसी ने केसरिया टोपी पहनी हुई है।
इस मोर्चे में सांसद संजय राउत, सपा के अबू आसिम आजमी, पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, शेकप के जयंत पाटिल शामिल हुए हैं। साथ ही मार्च में कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे, पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे, सांसद विनायक राउत, पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल समेत कई बड़े नेता शामिल हुए हैं। वहीं मोर्चा में शामिल होने के लिए राज्य भर से महाविकास अघाड़ी के नेता मुंबई पहुंचे हैं।
क्या है मांग?
दरअसल, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके द्वारा एक विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में दिए गए भाषण पर विवाद चल रहा है। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने युग की बात है। बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक अब लोगों के लिए नए आदर्श बन सकते हैं। जिसके बाद से ही उनका कड़ा विरोध शुरू हो गया है। राज्यपाल के इस्तीफे की मांग की जा रही है। हालांकि भगत सिंह कोश्यारी ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा था। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जैसी हस्तियों का अपमान करने के बारे में वह कभी सपने में भी नहीं सोच सकते हैं।
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