MP News: मध्यप्रदेश से स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था का एक वीडियो सामने आया है। यहां गर्भवती महिला को नजदीकी अस्पताल से लेने आई एंबुलेंस का बीच रास्ते में ही तेल खत्म हो जाता है। जिसके बाद महिला को सड़क किनारे ही पथरीली जमीन पर बच्चे को जन्म देना पड़ता है। वीडियो में आप देखेंगे कि महिला के साथ कुछ स्वास्थ्यकर्मी आदिवासी समुदाय की महिलाएं नजर आ रही है। उनकी सहायता से ही महिला को मौके पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ता है।
MP News: सुनसान जगह पर रुक गई एंबुलेंस
जानकारी अनुसार महिला का नाम रेशमा है। वह शाहनगर क्षेत्र के बनौली गांव की रहने वाली है। उसे 108 नबंर पर डायल की गई एक एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा था। जो एक सरकारी योजना के तहत चलती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव पीड़ा होने के बाद रेशमा के परिवार के सदस्य उसे शाहनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित कर रहे थे। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही रास्ते में एंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया। एंबलेस एक सुनसान जगह पर रुक गई। रात के अंधेरे में, परिवार को कोई अन्य वाहन नहीं मिला, इसलिए उन्होंने रेशमा को सड़क किनारे बच्चे को जन्म देने में मदद की। आप देखेंगे कि एम्बुलेंस उनके ठीक बगल में खड़ी है जिसके दरवाजे खुले हैं और रोशनी है। रेशमा ने टॉर्च की रोशनी में एक बच्चे को जन्म दिया।

यह पहली बार नहीं है जब महिला ने मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के चलते सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया है। इससे पहले, एक 22 वर्षीय महिला ने सड़क किनारे एक बच्चे को जन्म दिया क्योंकि एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी। वह और उसका पति आनन-फानन में मोटरसाइकिल पर सवार होकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन इसके पहले ही वहां से गुजर रही तीन महिलाओं की मदद से उसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया गया। बाद में, विभाग से जुड़ी एक निजी गाड़ी को मौके पर पहुंचाया गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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