Manipur Violence:बुधवार 3 मई को मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में पिछले दो-तीन दिनों में कई लोगों की मारे जाने की खबर सामने आई। वहीं, एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, इस हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 100 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। हालांकि, राहत की बात यह बताई जा रही है कि इंफाल वैली में अब आम जनजीवन पटरी पर लौट रहा है यानी यहां की स्थिति अब कंट्रोल में है और सामान्य हो रही है।
Manipur Violence:विभिन्न मेडिकल संस्थानों में रखे गए हैं शव
न्यूज एजेंसी ने बताया कि मणिपुर हिंसा में 54 लोगों की जान गई है। इनमें से 16 शवों को चुराचंदपुर जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम घर में रखा गया है जबकि 15 शवों को इंफाल पूर्व के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में रखा गया है।
वहीं, इनके अलावा इंफाल पश्चिम के लाम्फेल में क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान में अन्य 23 लोगों की मरने की बात सामने आई है। आपको बता दें कि हिंसा को रोकने और स्थिति को सामान्य करने के लिए असम राइफल्स के लगभग 10 हजार सैनिकों को मणिपुर में तैनात किया गया है।
मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दुख जताया है। उन्होंने कहा,”मणिपुर में जो हिंसा हुई है उसके लिए भारत सरकार और गृह मंत्रालय की तरफ से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जब दो समुदाय के बीच में इस तरह की घटनाएं होती हैं तो बहुत दुख होता है। हम अपने समाज को शांति से ही आगे ले जा सकते हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम के साथ की थी मीटिंग
देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बीते दिनों हालात काफी खराब हो गए थे, जो अब सामान्य की ओर बढ़ रहे हैं। हिंसा के बाद स्थिति को सामान्य करने के लिए राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। जानकारी के मुताबिक, इंफाल और सीसीपुर में स्थिति सामान्य होने लगे हैं। मणिपुर में अतिरिक्त सैनिकों की भी तैनाती की गई है। मणिपुर में स्थिति को देखते हुए सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवा को बंद करने का आदेश दिया था। वहीं इसके लेकर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह सहित कई अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए बैठक की थी। राज्य में हालात को सामान्य करने के लिए वायुसेना की भी मदद ली गई है।
मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया था। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने बताया था, “स्थिति में सुधार होने तक कोई भी ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं कर रही है। मणिपुर सरकार द्वारा ट्रेनों की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है।” लोगों की मदद के लिए राज्य में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेना ने बताया कि चूराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोक्पी जिलों में हालात को काबू में कर लिया गया है। कुछ लोगों को सेना अपने राहत शिविर में भी ले गई है।
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