Himachal Election 2022: नवंबर 2017 में हिमाचल प्रदेश राज्य विधान सभा चुनावों में सत्ता-विरोधी परंपरा को जीवित रखा गया था। भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी की। अपराध, भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया। राज्य की जमीनी हकीकत को देखते हुए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति को प्रेम कुमार धूमल को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने और चुनाव प्रचार का नेतृत्व करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन भाजपा को बहुमत तो प्राप्त हुई लेकिन प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए। मजबूरन भारतीय जनता पार्टी ने जयराम ठाकुर को सीएम बनाया। कहा जाता है कि हिमाचल में सत्ता का रास्ता कांगड़ा जिले से होकर निकलती है, इसके साथ-साथ मंडी जिले का भी प्रदेश के राजनीति में अहम भूमिका है। सबसे बड़ी बात कि यह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर इस साल मंडी की 10 विधानसभाओं का चुनावी समीकरण क्या है?
जातीय समीकरण इनकी बना सकते हैं गेम
बता दें कि 8 लाख 58 हजार 646 मतदाता वाले मंडी जिले को ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के रूप में नेतृत्व करने का मौका मिला है। इस जिले में कुल 10 विधानसभा सीट हैं। कांग्रेस और भाजपा जातीय समीकरणों के आधार पर यहां के सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारती है। पिछली बार दो ब्राह्मणों में मुकाबला हुआ था। इस बार भी ऐसी संभावना नजर आ रही है। अनुमान के अनुसार मंडी संसदीय क्षेत्र के विधानसभाओं में ढाई लाख से अधिक ब्राह्मण वोट है। इस लिहाज से ब्राह्मण वोट को ध्यान में रखकर टिकट बांटे जा सकते हैं।
मंडी जिले की 10 विधानसभा सीटों के लिए 8 लाख 58 हजार 646 मतदाता विधानसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 4 लाख 24 हजार 566 महिला मतदाता और 4 लाख 22 हजार 215 पुरुष वोटर हैं। सर्विस वोटर की संख्या 11864 है। इसके अलावा तीसरे जेंडर का 1 मतदाता है।
भाजपा के लिए मंडी क्यों मायने रखती है?
भाजपा के लिए, मंडी आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह पिछले साल संसदीय उपचुनाव में पीएम मोदी और खुद मुख्यमंत्री सहित स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारने के बावजूद कांग्रेस से हार गई थी। मंडी जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से सभी 2017 में भाजपा ने जीते थे, जबकि 2012 में इस जिले से केवल पांच भाजपा विधायक चुने गए थे।
मंडी सदर विधानसभा सीट का समीकरण
मंडी विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण विधान सभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार मंडी विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। 2017 में मंडी में कुल 58.12 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से अनिल शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रसे के चम्पा ठाकुर को 10257 वोटों के मार्जिन से हराया था। मंडी विधानसभा सीट मंडी के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं रामस्वरूप शर्मा, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके आश्रय शर्मा को 405459 से हराया था।
जोगिंदर नगर विधानसभा सीट
हिमाचल के मंडी जिले के अंतर्गत आने वाली जोगिंदर नगर विधानसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है। इस सीट पर 2017 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में प्रकाश राणा ने बीजेपी प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की थी। जबकि दूसरे स्थान पर भाजपा के गुलाब सिंह ठाकुर रहे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इस सीट पर जीत के लिए आप ही मेहनत कर रही है। इस विधानसभा सीट पर अब तक हुए 10 विधानसभा चुनाव में से 5 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि भाजपा को केवल दो बार ही इस सीट पर जीत मिल सकी है।
हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर विधानसभा सीट पर राजपूत मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इसी वजह से सबसे ज्यादा राजपूत प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। वहीं इस विधानसभा सीट पर गुलाब सिंह ठाकुर की मजबूत पकड़ मानी जाती है।
द्रंग विधान सभासीट
हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले की द्रंग विधानसभा सीट कांग्रेस का मजबूत गढ़ है। द्रंग विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार द्रंग विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे ये समय बताएगा। 2017 में द्रंग में कुल 48.07 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से जवाहर ठाकुर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कौल सिंह को 6541 वोटों के मार्जिन से हराया था।
करसोग विधानसभा सीट का समीकरण
निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है ऐसे में करसोग में सियासी पारा चढ़ गया है। विधानसभा चुनाव मे सभी राजनीतिक दल अपनी जीत का दावा करे हैं। करसोग विधान सभा क्षेत्र में 1993 से 2017 के चुनाव नतीजों को देखें तो इसमें कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा हैं। यहां 6 विधानसभा चुनाव में 3 बार कांग्रेस, हिविंका 1, निर्दलीय 1 और भाजपा ने 1 बार जीत हासिल की है।
करसोग विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर पर 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हीरालाल को अपना प्रत्याशी बनाया था। वहीं कांग्रेस ने यहां से मंशाराम पर भरोसा जताया है। इस चुनाव में हीरालाल ने 4830 मत से जीत दर्ज की थी, आंकड़ों के लिहाज से देखें तो इस सीट पर हुए पिछले 6 विधानसभा चुनावों में से तीन बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 1993 में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहा, 1998 में केंद्रीय संचार मंत्री रहे सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी बनाई, उनकी पार्टी से मंसाराम ने जीत दर्ज की। 2003 में कांग्रेस के प्रत्याशी मस्तराम ने जीत दर्ज की. 2007 में निर्दलीय प्रत्याशी हीरालाल जीते और 2012 में एक बार फिर कांग्रेस ने जीत हासिल की।
ये है जातीय समीकरण
करसोग विधानसभा सीट पर कुल 74675 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 37878 है, जबकि महिला मतदाता 36797 हैं। यह विधानसभा सीट आरक्षित है। इस पर सबसे ज्यादा संख्या अनुसूचित जाति के मतदाताओं की है।
सरकाघाट विधानसभा सीट
कर्नल इंद्र सिंह सरकाघाट से बीते 15 वर्षों से लगातार भाजपा को जीत दिलाते आ रहे हैं। हालांकि उनका दुर्भाग्य ये रहा कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। ग्राम पंचायत थौना के प्रधान रंगीला राम ठाकुर और टिक्कर पंचायत की प्रधान रजनी ठाकुर का कहना है कि एक विधायक के नाते कर्नल इंद्र सिंह ने सरकाघाट में विकास की गंगा बहा दी है। और सबसे बड़ी बात की इस सीट पर कोई राजनीतिक समीकरण काम नहीं करता है।
धर्मपुर विधानसभा सीट
धर्मपुर विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आती है। 2017 में धरमपुर में कुल 57.68 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से महेंद्र सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चंद्रशेखर को 11,964 वोटों के मार्जिन से हराया था। धर्मपुर विधानसभा सीट वलसाड के अंतर्गत आती है। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं डाक्टर केसी पटेल, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके जीतू चौधरी को 353797 से हराया था।
सुंदर नगर सीट का समीकरण
हिमाचल प्रदेश कि मंडी जिले के अंतर्गत आने वाली सुंदर नगर विधानसभा सीट पर 2017 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश कुमार ने जीत दर्ज की थी, उन्हें 32545 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी सोहनलाल को 30,282 मत मिले थे। इस तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश कुमार ने 9263 मत के अंतर से जीत हासिल की थी, इससे पहले 2012 में कांग्रेस के प्रत्याशी सोहनलाल ने जीत दर्ज की थी। 2007 में यहां से भाजपा के प्रत्याशी रूप सिंह ने जीत दर्ज की थी। 2003 में कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल ठाकुर जीते थे।
सेराज विधानसभा सीट
सेराज विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आती है। 2017 में सेराज में कुल 56.27 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से जय राम ठाकुर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चेत राम को 11254 वोटों के मार्जिन से हराया था। इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं रामस्वरूप शर्मा, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके आश्रय शर्मा को 405459 से हराया था।
बल्ह विधान सभासीट का जातिगत समीकरण
बल्ह विधान सभा सीट पर भी राजनीतिक दलों के भावी प्रत्याशियों ने अभी से ही जोर आजमाइश शुरू कर दी है, 2017 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के इंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। जबकि 2012 और 2007 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिल चुकी है। हिमाचल प्रदेश की 1 विधानसभा सीट पर भाजपा के सापेक्ष कांग्रेस की मजबूत पकड़ मानी जाती है। इस सीट पर राजपूत मतदाताओं के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। इसी वजह से इस सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व दिखाई पड़ता है, अब तक यहां हुए चुनाव में कांग्रेस ने पांच बार जीत भी दर्ज की है, हालांकि तीन चुनावों में बीजेपी ने भी जीत हासिल की है। आगामी चुनाव में क्या होगा अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव में सभी दलों के प्रत्याशी पूरा दमखम दिखाने को बेकरार हैं।
नाचन विधानसभा सीट
नाचन विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आती है। 2017 में नाचन में कुल 61.85 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से विनोद कुमार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाल सिंह कौशल को 15896 वोटों के मार्जिन से हराया था।
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