Delhi की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा में आरोपी शारजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी की गई। अदालत में दोनों पक्षों की दलील पूरी हो जाने के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों को इस मामले पर अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से वकील तनवीर अहमद मीर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक व्यक्ति IIT बॉम्वे से ग्रेजुएट है। उसे नौकरी का ऑफर मिला फिर भी नौकरी करने की बजाय उसकी रुचि आधुनिक इतिहास में होने की वजह से वो पढ़ाई करता है। मीर ने कहा कि केदारनाथ के फैसले की व्याख्या देखने की जरूरत है। जिसमें IPC में राजद्रोह की व्याख्या करता है। हम अंग्रेजी कानून का पालन आज भी कर रहे है, जहां भारतीयों को उठने की आजादी नहीं होती।
शरजील इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने उठाए सवाल
मीर ने कहा कि दिल्ली पुलिस कह रही है कि अस्सलाम-ओ-अलैकुम से भाषण शुरू होने का मतलब राजद्रोह था। उन्होंने पूछा, क्या आरोपी अगर गुड मॉर्निंग से भाषण शुरू करता तो आरोप खत्म हो जाते। मीर ने कोर्ट से कहा कि मुझपर केवल इस आधार पर अभियोजन नहीं चलाया जा सकता है कि मैंने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया।
मीर ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा, दो साल होने को आए हैं, लेकिन अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। अगर कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता है, तो उसके खिलाफ कई सारे केस दाखिल किए जाते हैं। किसी नीति का विरोध करने के कई तरीके हो सकते हैं। रोड पर प्रदर्शन किया जा सकता है। प्रदर्शन पर कोई विवाद नही हो सकता।
राजद्रोह का आरोपी शरजील इमाम को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया