
Delhi Liquor Policy: देश की राजधानी दिल्ली में AAP सरकार की नई आबकारी नीति पर मचे बवाल के बीच उपराज्यपाल ने एक बड़ा फैसला किया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति को 1 सिंतबर तक और बढ़ा दिया है। एलजी ने गजट नोटिफिकेशन जारी करके नई एक्साइज पॉलिसी को एक महीने और बढ़ाने की सूचना दी है।
उपराज्यपाल के इस फैसले के बाद सवाल ये है कि क्या अगस्त में शराब पर ऑफर या डिस्काउंट मिलेगा? क्योंकि दिल्ली में कई प्राइवेट ठेके बंद हो गए हैं। वहीं, नई नीति के लागू होने से सरकारी ठेके पहले ही बंद हो गए थे। ऐसे में शराब के शौकीनों के लिए यह बड़ी दिक्कत साबित हो सकती है।

Delhi Liquor Policy: दिल्ली में सोमवार को ड्राई डे रहा
बता दें कि लाइसेंस के बिना राजधानी में सोमवार को अनौपचारिक तौर पर ड्राई डे रहा, क्योंकि बार, पब, रेस्टोरेंट और होटल में शराब नहीं परोसी गई और न ही कोई इसे खरीद ही सका। उपराज्यपाल ने सोमवार को ही प्राइवेट शराब दुकानों के साथ होटल और बार के आबकारी लाइसेंस को एक महीने के लिए बढ़ाने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

सरकार की नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत पूरे शहर को 32 जोनों में बांटकर 849 खुदरा लाइसेंस जारी किए थे। इस नीति के नंवबर में लागू होने से पहले दिल्ली सरकार की 4 एजेंसियां 864 में से शराब की 475 दुकानों को चला रही थी। 389 दुकानें निजी एजेंसियां चला रही थी। यानी 1 सितंबर से फिर से 475 दुकानें सरकारी एजेंसियां चलाएंगी। बाकी दुकानों के लिए निजी वेंडरों को लाइसेंस दिया जाएगा। दिल्ली में 468 शराब की दुकानों का लाइसेंस 31 जुलाई को खत्म गया है।
Delhi Liquor Policy: क्यों दिया गया एक महीने का वक्त

गौरतलब है कि ये महसूस किया गया कि स्टॉक क्लीयरेंस के लिए मौजूदा खुदरा और थोक लाइसेंस के कार्यकाल को एक महीने के लिए बढ़ाने और खुदरा व थोक के ठेके को बंद होने से बचाने के लिए यह फैसला किया गया है। इसके सात ही शहर में शराब की कमी से किसी तरह की कानून व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है।
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