Delhi Liquor Policy: राजधानी में बंद हो सकती हैं शराब की कई और दुकानें! अब पुराने तरीके से ही मिलेगी शराब

साउथ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में शराब के बड़े वेंडर ने 5 मई को एक जोन सरकार को सरेंडर कर दिया था। दरअसल, सरकार की नई नीति के तहत हर वार्ड में शराब की दुकानें खोली गई थी। जिससे कंपटीशन बढ़ गया।

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Delhi Liquor Policy: राजधानी में बंद हो सकती हैं शराब की कई और दुकानें, पुराने तरीके से ही मिलेगी शराब?
Delhi Liquor Policy: राजधानी में बंद हो सकती हैं शराब की कई और दुकानें, पुराने तरीके से ही मिलेगी शराब?

Delhi Liquor Policy: दिल्ली की केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति को आए अभी कुछ ही महीने हुए थे कि इसे लेकर बवाल खड़ा हो गया। नई नीति को आए 9 महीने ही हुए हैं, इस बीच 200 से ज्यादा दुकानें बंद हो गई हैं। अब कई और दुकानें भी बंद हो सकती हैं। दरअसल, दिल्ली में नई आबकारी नीति के आने के बाद शराब कारोबारियों ने सरकार की नीति से दूरी बना ली है। कई कारोबारियों ने अपनी दुकानें पहले ही बंद कर दी थी अब कई और दुकानदार शराब की दुकानों को बंद कर रहे हैं।

इसके पीछे सबसे बड़ी वजह दुकानदारों का आर्थिक नुकसान है। जिसकी वजह से वो लाइसेंस सरकार को वापस कर रहे हैं। इससे एक बार फिर आने वाले दिनों में शराब नीति को लेकर दिल्ली में बवाल मच सकता है। जानकारी के मुताबिक, अब तक 9 जोन एक्साइज डिपार्टमेंट को सरेंडर कर चुके हैं। जिससे 160 से ज्यादा दुकानें बंद हो चुकी हैं।

Delhi Liquor Policy: राजधानी में बंद हो सकती हैं शराब की कई और दुकानें, पुराने तरीके से ही मिलेगी शराब?
Delhi Liquor price

Delhi Liquor Policy: क्यों बंद हो रही ये दुकानें?

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर राजनीति गलियारे में माहौल गर्म है। वहीं, इस नीति के कारण शराब करोबारी भी खुश नहीं है। कई कारोबारियों ने इस नीति की कमियों को उजागर किया है। दिल्ली के एक कारोबारी का कहना है कि सरकार अपनी पॉलिसी को खुद सही से ना तो लागू कर पाई और ना ही समझ पाई है।

दरअसल, सरकार ने पहले शराब पर डिस्काउंट देने की नीति बनाई थी। बाद में सरकार ने इसे हटा दिया, फिर दोबारा इसे लागू कर दिया। इससे कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। नई नीति के कारण शराब की कुछ ब्रांड्स को भी बंद करना पड़ा जिससे इसके शौकीन लोगों को कॉम्प्रोमाइज करना पड़ा। काफी लोगों ने पसंद की शराब न मिलने के कारण शराब खरीदना बंद कर दिया। इससे शराब कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा।

Delhi Liquor Policy: राजधानी में बंद हो सकती हैं शराब की कई और दुकानें, पुराने तरीके से ही मिलेगी शराब?
Delhi Liquor Policy

Delhi Liquor Policy: करोड़ों का हुआ नुकसान

साउथ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में शराब के बड़े वेंडर ने 5 मई को एक जोन सरकार को सरेंडर कर दिया था। दरअसल, सरकार की नई नीति के तहत हर वार्ड में शराब की दुकानें खोली गई थी। जिससे कंपटीशन बढ़ गया। शराब कारोबारियों ने लोगों को भारी डिस्काउंट भी दिया। बाद में सरकार ने डिस्काउंट को हटा लिया। इससे शराब कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ। इसके साथ ही नई पॉलिसी के कारण बॉर्डर एरिया में शराब कारोबारी दुकान नहीं खेल पाए, उससे भी काफी नुकसान दुकानदारों को उठना पड़ा।

Delhi Liquor Policy: विपक्ष हुआ हमलावर

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Delhi Liquor Policy

AAP सरकार की नई आबकारी नीति के लेकर शुरुआत से ही विपक्षी पार्टियां हमलावर है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस सभी केजरीवाल सरकार को घेरने में लगी हुई है। अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट के बाद एक्साइज पॉलिसी को लेकर CBI जांच की मांग उठा दी थी। उसके बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सवालों के घेरे में आ गए हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठा दी है।

Delhi Liquor Policy: कब आई थी पॉलिसी

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति पिछले साल 17 नवंबर को लागू की थी। जिसमें दिल्ली में सभी सरकारी और निजी शराब की दुकानों को बंद कर के नए सिरे से टेंडर जारी किए थे। सरकार का दावा था कि एक्साइज पॉलिसी से करोड़ों रुपये का सरकार को राजस्व होगा और शराब माफियाओं पर रोक लगेगी। दिल्ली में पहले कुल 720 शराब की दुकानें थीं। जिसमें से 260 प्राइवेट शराब की दुकानें थीं और बाकी सरकारी दुकानें थीं।

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