Bihar: Police ने दंगाई मानकर किया गिरफ्तार, Judge ने प्रतिभा देखकर मुकदमा किया खारिज

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Bihar एक तरफ तो अपराध के लिए कुख्यात है, वहीं दूसरी ओर प्रतिभाशली और मेहनती छात्रों के लिए विख्यात भी है। हर साल बिहार के छात्र यूपीएससी, इंजीनियरिंग, मेडिकल की परीक्षाओं में अपनी प्रतिभा का लोहा हर साल मनवाते हैं।

अपराध की बात करें तो बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर हत्या जैसी घटनाएं आम नजर आती हैं। वैसे बिहार पुलिस अपराध के खात्मे के लिए काफी प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अच्छा प्रयास भी कर रही है।

अपराध रोकने के इसी क्रम में कभी-कभी पुलिस से कुछ गलतियां भी हो जाती हैं, जो चर्च का विषय भी बन जाती हैं। ऐसा ही एक मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहजनपद नालंदा से आया है।

पुलिस ने निर्दोष प्रतिभाशाली छात्र को गिरफ्तार कर लिया था

बताया जा रहा है कि नूरसराय थाना क्षेत्र में गणेश पूजा पर पुलिस और भीड़ के बीच पथराव के मामले में एक ऐसा छात्र फंस गया कि उसकी जिंदगी खराब होते-होते बची।

पुलिस ने पथराव और दंगे के मामले में आरोपी छात्र को गिरफ्तार करके कोर्ट में जज के सामने पेश किया। सुनवाई के दौरान जब जज को छात्र की प्रतिभा का पता चला तो उन्होंने पुलिस से तुरंत उसे रिहा करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान किशोर न्याय परिषद के जज मानवेंद्र मिश्र के सामने आरोपी छात्र के वकील ने उसकी प्रतिभा, शैक्षणिक योग्यता और प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रमाण पेश किये और उसे मिले सभी मेडल भी जज को दिखाये।

आरोपी छात्र राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की मुख्य परीक्षा पास कर चुका है

आरोपी के वकील ने जज को बताया की पुलिस ने जिस छात्र को दंगाई मानकर गिरफ्तार किया है उसने संघ लोक सेवा आयोग की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की मुख्य परीक्षा पास की है। इतना ही नहीं वकील ने बताया कि छात्र एनसीसी 38वीं बटालियन की ओर से आयोजित फायरिंग प्रतियोगिता में प्रथम, साइंस ओलंपियाड में सिल्वर पदक जीतने के साथ-साथ कई अन्य प्रतियोगिताओं में अपना नाम रौशन कर चुका है।

कोर्ट में जज के सामने वकील ने कहा कि घटना के दिन छात्र घटनास्थल पर भी नहीं था लेकिन पुलिस ने उसे किसी अन्य दबाव में फंसा रही है, अगर पुलिस इस मामले में सफल हो जाती है तो छात्र का पूरा करियर बर्बाद हो जाएगा और वह एक अपराधी की श्रेणी में आ जाएगा।

जज ने एसपी को निर्देश दिया, छात्र के चरित्र प्रमाण पत्र में केस का जिक्र न हो

जज मिश्रा ने बचाव पक्ष की दलील सुनने और पेश किये गये साक्ष्यों के आधार पर छात्र की प्रतिभा को देखते हुए मुकदमे को खारिज कर दिया और उसे तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। अपने आदेश में जज मानवेंद्र मिश्र ने पुलिस अधीक्षक नालंदा को यह निर्देश भी दिया कि भविष्य में बच्चे के चरित्र प्रमाण पत्र में इस केस का जिक्र नहीं किया जाए।

जानकारी के मुताबिक 13 सितंबर 2021 की रात में नूरसराय थाना क्षेत्र के एक गांव में गणेश पूजा के अवसर पर पुलिस और भीड़ के बीच पथराव की स्थिति पैदा हो गई। गांववालों का आरोप है कि थानाध्यक्ष विरेंद्र चौधरी कोरोना गाइडलाइन के नाम पर जबरिया गणेश पूजन का कार्यक्रम रुकवा रहे थे।

इसी बीच ग्रामीणों में कुछ युवा उग्र हो गए और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस घटना में कुछ पुलिसकर्मियों सहित ग्रामिण भी चोटिल हुए थे। पुलिस ने एक्शन लेते हुए कुल 46 लोगों को नामजद किया था साथ ही 150 अन्य अज्ञात पर भी केस दर्ज किया था।

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