Allahabad HC: वार्ड-29 में पेयजल किल्‍लत और व्‍यवस्‍था को लेकर क्‍या है ? इंतजाम, नगर निगम से मांगा जवाब

Allahabad HC: याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की। इनका कहना है कि वार्ड के निवासियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है।

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Allahabad HC : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज के वार्ड नंबर-29 में पेयजल की किल्लत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर नगर निगम से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। पूछा है कि कितने पंप हैं और उनकी वर्किंग कंडीशन क्या है। मामले की अगली सुनवाई अब 10 मई को होगी। ये आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अशोक कुमार सिंह की याचिका पर दिया है।

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Allahabad HC: बोले लोग- नहीं मिल रहा पानी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज के वार्ड नंबर-29 में पेयजल की किल्लत को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर नगर निगम से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। पूछा है कि कितने पंप हैं और उनकी वर्किंग कंडीशन क्या है। मामले की अगली सुनवाई अब 10 मई को होगी। ये आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अशोक कुमार सिंह की याचिका पर दिया है।

याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र ने बहस की। इनका कहना है कि वार्ड के निवासियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। ये समस्या दशकों से चली आ रही है।नगर निगम को शिकायत के बावजूद कोई राहत नहीं दी गई है ।
याची का कहना है कि पत्रिका मार्ग, ताशकंद मार्ग,कूपर रोड,सप्रू मार्ग, के निवासियों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं दिया जा रहा है। कंपनी बाग के पंप से आपूर्ति होती थी। वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर पार्क का पंप उखाड़ दिया गया है।

Allahabad HC: लंबित याचिकाओं के जल्द निपटारे को लेकर RoadMap पेश करे हाईकोर्ट- Supreme Court

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ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से जजों की एक कमेटी बनाने को कहा है, जिसमें ऐसे मामलों के जल्द निपटारे का रोडमैप तैयारकिया जाए। लंबित याचिकाओं को समय रहते हुए पूरा करने पर ध्‍यान दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 34 के तहत लंबित याचिकाओं के जल्द निपटारे के मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, कि अगर ऐसे मामलों का जल्द से जल्द निपटारा नहीं किया गया, तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दो पार्टियों के बीच व्यापारिक संबंध बिगड़ता है तो यह व्यवसाय करने के विषय को प्रभावित कर सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी वाणिज्यिक विवाद का निपटारा जल्द से जल्द किया जाना इसलिए भी जरूरी है ताकि याचिकाकर्ताओं का न्यायिक दावों पर विश्वास बना रहे।सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को करेगा।

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