Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकील के चेंबर से अंतरजातीय विवाह करने वाली लड़की के अपहरण पर आश्चर्य प्रकट करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।कोर्ट ने एसएसपी प्रयागराज और एसपी जौनपुर को अपहृत लड़की का पता लगाकर 17 मई को हर हाल में कोर्ट के सामने पेश करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने परिवार की मर्जी के खिलाफ विवाह करने वाले जोड़े की याचिका पर दिया है।
इससे पहले लड़की के परिवार वालों ने याची पर उनकी लड़की के अगवा करने का आरोप लगाया तो कोर्ट ने लड़की से ही असलियत जानने के लिए उसे पेश करने का निर्देश दिया।
Allahabad HC: मामले की अगली सुनवाई 17 मई को
याची अधिवक्ता मोहम्मद खालिद व पवन कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि 20 अप्रैल को लगभग 20 लोगों ने उनके चेंबर से लड़की का अपहरण कर लिया है। इसलिए वह लड़की को पेश नहीं कर सके।
कोर्ट ने हाईकोर्ट के सामने अधिवक्ता चेंबर से अपहरण पर आश्चर्य प्रकट करते हुए प्रयागराज और जौनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को लड़की को पेश करने का निर्देश दिया। वकीलों से चेंबर की घटना की सूचना सक्षम प्राधिकारी को देने को कहा है। याचिका की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
Allahabad HC: भाजपा विधायक के चुनाव की वैधता को चुनौती
इलाहाबाद शहर उत्तरी के भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेई के चुनाव की वैधता को कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
चुनाव याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र व रवीन्द्र सिंह के मार्फत दाखिल की गई।याचिका में विधायक वाजपेई पर चुनाव आयोग को अपनी शैक्षिक योग्यता, संपत्ति, बैंक लोन को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है।
याची का कहना है कि भाजपा के विधायक ने सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति बतलाया है और 22 करोड़ रुपये की संपत्ति को साढ़े तीन करोड़ दिखाया है। आरोप है कि वर्ष 2017 के नामांकन से भिन्न जानकारी इस वर्ष दी गई है। लोन बकाया है, बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से अदेय प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। एक ही साल में दो डिग्रियां हासिल की हैं, जोकि करप्ट प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है। याचिका में झूठा हलफनामा दाखिल करने के कारण चुनाव रद्द करने की मांग की गई है।
Allahabad HC: स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के केस की सुनवाई टली
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की याचिका की सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया है। अन्य पीठ को नामित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है। याचिका की अगली सुनवाई अब पांच मई को होगी। ये आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की शाहजहांपुर की अदालत में चल रहे आपराधिक केस को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका पर दिया है।
याचिका में पुलिस चार्जशीट और सीजेएम द्वारा संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती दी गई है। राज्य सरकार द्वारा अभियोग वापस लेने को आधार बनाया गया है।कोर्ट ने पहले ही याची के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। स्वामी के खिलाफ दुराचार के आरोप में केस चल रहा है।
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