Ahmedabad Bomb Blast Case: 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट (ahmedabad serial blast ) मामले में 49 दोषियों के खिलाफ आज विशेष अदालत ने सजा सुनाई है। अदालत ने मामले में 49 दोषियों में से 38 को मौत की सजा दी है, वहीं शेष 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस से पहले मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद पविशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने कहा था कि दोषियों की सजा पर बहस मंगलवार को समाप्त हुई और विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत 18 फरवरी को सजा सुनाएगी। बता दें कि विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते 49 लोगों को दोषी ठहराया था और 28 अन्य को बरी कर दिया था,इस भयंकर विस्फोट में 56 लोग मारे गए थे।
Ahmedabad Bomb Blast Case: यूएपीए के तहत दोषी करार आरोपी
गौरतलब है कि बचाव पक्ष ने मंगलवार को दोषियों की सजा पर अपना तर्क समाप्त किया। वहीं सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए अपनी दलील पूरी की थी। दोषियों को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) के तहत मौत की सजा और आजीवन कारावास की अधिकतम सजा मिलती है।
अहमदावाद विस्फोट मामले में आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। एक आरोपी को आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी करार दिया गया है। बताते चलें कि अदालत ने पिछले साल सितंबर में 77 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी की थी। जिन 78 आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया, उनमें से एक सरकारी गवाह बन गया था।
Ahmedabad Bomb Blast Case: क्या है मामला?
अहमदाबाद में सिलसिलेवार धमाकों के कुछ दिनों बाद पुलिस ने सूरत के अलग-अलग हिस्सों से बम बरामद किए थे, जिसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत द्वारा सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया।
पुलिस ने दावा किया था कि प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के कट्टरपंथियों के गुट इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े लोग विस्फोटों में शामिल थे। यह आरोप लगाया गया था कि आईएम आतंकवादियों ने 2002 के गोधरा दंगों का बदला लेने के लिए इन विस्फोटों की योजना बनाई थी।
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