पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को यूं ही कैप्टन कूल नहीं कहा जाता है। अपने आलोचकों को कूल अंदाज में जवाब देकर धोनी ने ये साबित कर दिया है कि उनसे ज्यादा कूल शायद ही कोई हो। धोनी ने अपने आलोचकों को अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। धोनी ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने को लेकर उठे सवालों और आलोचनाओं को उसी शांत और स्थिर आवाज से खारिज करते हुए कहा कि हर किसी की जीवन के बारे में अपनी अपनी राय होती है।
आपको बता दें कि पूर्व भारतीय किकेटरों ने धोनी के टी20 भविष्य पर सवाल उठाये थे। जिसके बाद देश में माही काफी चर्चा में रहे। यहां तक कि पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण भी धोनी के टी20 करियर पर अजीत अगरकर की तरह की ही राय रखते हैं। हालांकि कप्तान विराट कोहली इससे जरा भी परेशान नजर नहीं आते हैं। जब धोनी से अगरकर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हर किसी के जीवन के बारे में अपने विचार होते हैं और इनका सम्मान किया जाना चाहिए।
भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर धोनी ने 2007 में शुरूआती विश्व टी-20 कप और 2011 वनडे विश्व कप जीता। टीम इंडिया राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी-20 मैच में 40 रन से हार गयी। इस मैच में माही बल्लेबाजी के दौरान जूझते दिखे। इस मैच के बाद उनके संन्यास को लेकर सवाल खड़े हुए।
धोनी को लगता है उनमें अब भी टीम इंडिया की जर्सी पहनने का जज्बा है। उन्होंने कहा, सबसे बड़ी प्रेरणा टीम इंडिया का हिस्सा होना है। आपने ऐसे क्रिकेटर भी देखे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल किया है। लेकिन फिर भी वे बहुत आगे तक पहुंचे हैं। ऐसा उनके जुनून की वजह से हुआ है। कोचों को उन्हें ढूंढने की जरूरत है। हर कोई देश के लिए नहीं खेलता।
पूर्व कप्तान धोनी ने कहा, मैंने हमेशा ही माना है कि नतीजों से अहम प्रक्रिया होती है। मैंने कभी भी परिणाम के बारे में नहीं सोचा, मैंने हमेशा यही सोचा कि उस समय क्या करना ठीक होगा, भले ही तब 10 रन की जरूरत हो, 14 रन की जरूरत हो या फिर 5 रन की जरूरत हो। मैं इस प्रक्रिया में ही इतना शामिल रहा कि मैंने कभी भी इस बात का बोझ नहीं लिया कि तब क्या होगा, अगर नतीजे मेरे हिसाब से नहीं रहे।