Anunay Singh बिहार के पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने बिहार की टीम से खेलते हुए IPL में अपनी जगह बनाई। अनुनय को Rajasthan Royals ने 20 लाख के बेस प्राइस में अपने साथ जोड़ा। अनुनय का जन्म बिहार के वैशाली जिले में 3 जनवरी 1993 को हुआ था। अनुनय को छोटे उम्र से ही क्रिकेट में लगाव रहा है। अनुनय सिंह बिहार क्रिकेट टीम के नियमित सदस्य रहे हैं, जो इस साल आईपीएल में राजस्थान के लिए खेलते दिखेंगे।
Anunay Singh आईपीएल खेलने वाले बिहार से खेलते हुए पहले खिलाड़ी बने
अनुनय नारायण सिंह ने अपने करियर की शुरुआत बिहार से की थी। उन्होंने बताया, ”बचपन से ही क्रिकेट को लेकर एक जुनून था।लेकिन इसको करियर के तौर पर सब कोई नहीं लेता है और मैं भी इसे हॉबी के तौर पर लेकर चल रहा था। उसके बाद धीरे-धीरे लोगों ने और कुछ कोच ने बोला, इसमें प्रतिभा की कमी नहीं है। आप इसे आगे भेज सकते हैं।” उसके बाद करीब 13-14 साल की उम्र में मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। मैं क्रिकेट एकेडमी ऑफ पटना के साथ जुड़ गया और मनोज सर की देखरेख में अभ्यास करने लगा। लेकिन उस समय बिहार को मान्यता नहीं मिली थी।”
मान्यता नहीं मिलने के कारण अनुनय ने दिल्ली का रुख करने का फैसला किया। दिल्ली में अनुनय ने रोहिणी में नरेश जैन की देखरेख में अभ्यास करना शुरू किया। वहां से प्रदर्शन में सुधार होने लगा। उसके बाद अनुनय वीरेंद्र सहवाग के कोच अमर नाथ शर्मा सर के पास गए। जहां उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। उनकी देखरेख में ही अनुनय ने अभ्यास करना शुरू किया और अपने ऊपर मेहनत करते गए। दिन-ब-दिन अनुनय की गेंदबाजी में सुधार होने लगा। जिससे उन्हें बहुत फायदा हुआ।
बिहार को 2018 में मिली मान्यता
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को 2018 में पूर्ण रूप से मान्यता दे दी गयी। अनुनय ने बताया कि मान्यता मिलने से पहले बिहार के कोच ने उनसे संपर्क किया और उन्होंने कहा कि बिहार आ जाओ अब बिहार को मान्यता मिलने वाली है। मनोज सर और चुन्नू सर की बात मानकर मैं फिर से बिहार आ गया और यहां से लीग खेलना शुरू किया। लीग में अच्छी परफॉर्मेंस रही। उसके बाद स्टेट टीम के लिए मेरा चयन हो गया। स्टेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद मुझे बिहार की लिस्ट ए में खेलने का मौका मिला।
अनुनय ने नागालैंड के खिलाफ सितंबर 2018 में विजय हजारे ट्रॉफी से अपना डेब्यू किया। उसी साल अनुनय ने रणजी ट्रॉफी और सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी डेब्यू किया। उस साल विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार का प्रदर्शन शानदार रहा था। उस साल बिहार ने विजय हजारे ट्रॉफी में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बिहार को मुंबई से हार का सामना करना पड़ा था।
उसके बाद अनुनय ने कहा कि मैं टीम से अंदर बाहर होता रहा। लेकिन मैंने हार कभी नहीं मानी। उन्होंने कहा कि बिहारियों में एक हौसला होता है कुछ भी करने का। यही हौसला मेरे अंदर भी था। “जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं” वाले एटीट्यूड मेरे में बचपन से ही रहा है। कुछ भी चीज को इतनी आसानी से छोड़ने की आदत ही नहीं थी। जो मैं इतने सालों से करता आ रहा हूं अगर वो छोड़ दूंगा तो मैं बहुत ज्यादा पीछे चला जाऊंगा। इतने सालों की मेहनत में पल भर में तो बर्बाद नहीं कर सकता था।
कोविड के दौरान ज्वाला सर से मुलाकात हुई
अनुनय ने कहा कि इसके बाद फिर कोविड का दौर शुरू हो गया। वहां से एक अलग मोड़ आना शुरू हो गया। मुझे कोविड हो गया था, लेकिन इससे ठीक होने के बाद मैं दुगुनी मेहनत के साथ अभ्यास करने पहुंच गया। उसके बाद मेरी मुलाकात मुंबई के एक कोच से हुई। उस दौरान मेरी ज्वाला सिंह से मुलाकात हुई। जो यशस्वी जायसवाल के कोच भी हैं। वो कोविड के दौरान गोरखपुर में प्रैक्टिस करने आए हुए थे यशस्वी जायसवाल के साथ, जहां मेरी उनसे मुलाकात हुई।
उसके बाद उन्होंने मुझे जायसवाल के साथ मैच भी खेलाया। उन्होंने मेरी क्षमता देखते हुए मुझपर काम करना शुरू किया। उसके बाद उनसे फोन पर बात होती रहती थी। क्योंकि कोविड के दौरान आप कहीं जा नहीं सकते थे। ज्वाला सर फोन पर ही बताते थे कि क्या करना है कैसे करना है। कुछ-कुछ टिप्स वो लगातार देते रहते थे। उस पर मैं वर्क करता था। उसके बाद जब मैं पटना आता था तो यहां रेगुलर मैच खेलता था। जिससे प्रदर्शन और बेहतर होता गया।
उसके बाद ज्वाला सर से हमेशा मेरी बात होते रहती थी। उन्होंने मेरा नाम राजस्थान रॉयल्स के कैंप के लिए भेजा। कैंप में मेरा प्रदर्शन शानदार रहा। मुझे इस बात का पता बाद में चला कि मेरा प्रदर्शन कैंप में अच्छा रहा है। उसके बाद उन्होंने मुझे दूसरे राउंड के लिए बुलाया। जहां राजस्थान रॉयल्स के कोच और फ्रेंचाइजी को मेरी क्षमता के बारे में अंदाजा लग गया था। ट्रायल खत्म होने के बाद मैं फिर से अपनी मेहनत पर लग गया।
ऑक्शन के दौरान नहीं देख रहा था टीवी
अनुनय बताते हैं कि वो ऑक्शन के दौरान टीवी नहीं देख रहे थे। टीवी देखने के बाद बेचैनी और बढ़ जाती है, इसलिए मैंने ऑक्शन के दिन टीवी देखा ही नहीं। मैं नियमित अपने काम में लगा हुआ था। उस समय मैं प्रैक्टिस करके निकल ही रहा था कि मुझे कॉल आने शुरू हो गए। तब जाकर मुझे पता चला कि मुझे राजस्थान रॉयल्स की फ्रेंचाइजी ने अपने साथ जोड़ा लिया। उसके बाद मुझे लगातार कॉल आने शुरू हो गए। मुझे समझ में नहीं आ रहा मैं इस जश्न को सेलिब्रेट करूं या फोन पर लोगों को जवाब दूं।
राजस्थान रॉयल्स का शुक्रिया जिन्होंने मुझ पर अपना भरोसा जताया
अनुनय राजस्थान की फ्रेंचाइजी से साथ जुड़कर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान रॉयल्स की टीम के साथ जुड़कर खुश हूं। इस टीम के साथ मुझे और भी कई चीजें सीखने का मौका मिलेगा। मैं राजस्थान रॉयल्स का शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया है। राजस्थान रॉयल्स ने अनुनय को बेस प्राइस 20 लाख में खरीदा।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और वैशाली जिला संघ का किया शुक्रिया अदा
अंत में उन्होंने कहा कि मैं तहे दिल से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और वैशाली जिला संघ का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने कहा कि वैशाली के सचिव प्रकाश जी का बहुत बड़ा योगदान रहा। उसके बाद वहां के लोगों से सपोर्ट मिलना शुरू हो गया। मैं बिहार के सभी अधिकारियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया।
(लेखक: उज्जवल कुमार सिन्हा खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट सहित अन्य मुद्दों पर अच्छी पकड़ रखते हैं। इन्होंने पत्रकारिता के साथ-साथ खेल के मैदान पर भी नाम कमाया है।)
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