Vinayak Ganesh Chaturthi: हर महीने में दो बार गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इसमें पहला शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में रखा जाता है। इस महीने में विनायक श्री गणेश चतुर्थी बहुत खास है क्योंकि यह नवरात्रि के बीच में पड़ रहा है। गणेश चतुर्थी व्रत कल यानी 5 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है जिन्हें सभी देवी-देवताओं में सर्वोपरि माना जाता है।
Vinayak Ganesh Chaturthi पूजा का मुहूर्त
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी का व्रत कल यानी 5 अप्रैल को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 09 मिनट से दोपहर 1 बजकर 389 मिनट तक रहेगा।
Vinayak Ganesh Chaturthi: ऐसे करें श्रीगणेश की पूजा
- सबसे पहले मंदिर के स्थान को पूरी तरह साफ कर लें।
- इसके बाद, भगवान गणेश को सिंदूर काफी पसंद होता है। इसलिए श्री गणेश को लाल सिंदूर लगाएं।
- इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं।
- भगवान को फूल-माला अर्पित करें।
- अब भगवान को मोदक और अन्य प्रसाद का भोग लगाएं।
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश का पाठ और आरती करें।
- पूजा समपन्न होने के बाद भगवान श्रीगणेश का आशीर्वाद लें।
Vinayak Ganesh Chaturthi पर नहीं देखना चाहिए चांद
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन रात में चांद नहीं देखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि द्वापरयुग में श्रीकृष्ण ने चतुर्थी के दिन चांद देखा था जिसके बाद उन पर चोरी का इल्जाम लग गया था। जिसके बाद से ऐसा माना जाने लगा कि चतुर्थी की रात चांद देखने से लोगों पर झूठे कलंक लग जाते हैं।
Vinayak Ganesh Chaturthi: श्रीगणेश की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी ।
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा ।
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी ।
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
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