Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन का त्योहार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा 2 दिन यानी 11 और 12 अगस्त को पड़ रही है जिसकी वजह से लोगों के मन में रक्षाबंधन के तारीख को लेकर थोड़ी सी शंका है। रक्षाबंधन भाई-बहनों के रिश्ते का सबसे बड़ा त्योहार है। सभी बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए उन्हें राखी बांधती हैं और भाई भी जीवनभर उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं।
Raksha Bandhan 2022: राखी की तारीख और शुभ मुहूर्त
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त की सुबह 10.38 बजे से शुरू होकर 12 अगस्त की सुबह 7.05 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि 12 अगस्त को है तो इस लिहाज से रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाई जानी चाहिए लेकिन वहीं, माना जा रहा है कि 11 अगस्त को पूरे दिन पूर्णिमा रहेगी तो रक्षाबंधन उसी दिन मनाना शुभ होगा। 11 अगस्त को रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 10.38 बजे से रात 9 बजे तक रहेगा जिसमें दोपहर 12.06 मिनट से 12.57 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। ज्येतिषों के मतानुसार इस मुहूर्त में भद्रा पाताल लोक में रहेगी जिसका व्यापक तौर से रक्षाबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
Raksha Bandhan 2022: जान लें कब है भद्रकाल मुहूर्त
रक्षाबंधन पर बहनों को गलती से भी भद्रकाल मुहूर्त में अपने भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रकाल में राखी बांधना बेहद अशुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार रावण की बहन ने भद्रकाल मुहूर्त में ही उसे राखी बांधी थी जिसके बाद राम से हुए युद्ध में रावण की मृत्यु हो गई थी। साथ ही कहा जाता है कि भद्रकाल में भगवान शिव तांडव करते हैं। साल 2022 में 11 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल शाम 05:17 बजे से रात 08:51 मिनट तक रहेगा।
Raksha Bandhan 2022: ऐसी राखी खरीदने से बचें
रक्षाबंधन भाई-बहन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक होती है। इस दिन बहनों को अपने भाइयों के लिए राखी लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। बहनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो बड़े आकार की राखी न खरीदें क्योंकि ये राखियां जल्दी टूट जाती हैं। दूसरा, बहनों को राखी लेते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि राखी में कहीं भी काला रंग न हो क्योंकि काला रंग काफी अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस राखी में ॐ या स्वास्तिक बना हो वो राखी काफी शुभ होती है।
राखी बांधने की विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बांधते समय भाइयों का मुख पूरब दिशा में होना चाहिए। पहले उन्हें रोली, अक्षत और दही का टीका करें। इसके बाद उनकी आरती उतारें और फिर राखी बांध कर उनका मुंह मीठा कराएं। ध्यान रहे कि राखी दाहिने हाथ पर ही बांधें।
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