Navratri 2023: नवरात्र के छठे दिन सोमवार को दुर्गा जी के छठे स्वरूप कात्यायानी की पूजा-अर्चना की गई।शास्त्रों के अनुसार कात्यायन ऋषि के घर पर जन्म होने के कारण उन्हें कात्यायनी कहा गया। इनकी चार भुजाएं हैं।जिनमें अस्त्र, शस्त्र और कमल का पुष्प है।इनका वाहन सिंह है और ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। द्वापर युग में गोपियों ने श्रीकृष्ण जी की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी।यही वजह है कि लड़कियां मनचाहा पति पाने के लिए इनकी पूजा करती हैं। वहीं ज्योतिष के अनुसार इनका संबंध बृहस्पति ग्रह से बताया गया है।
Navratri 2023: देवी को शहद का लगाएं भोग
देवी कात्यायनी की पूजा के बाद उन्हें शहद का भोग लगाएं।देवी को शहद बेहद प्रिय है। इसके बाद इसे प्रसाद के रुप में सभी को वितरित करें।ऐसा करने से आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होगी।
लाल और पीले वस्त्र करें धारण
गोधूली वेला में लाल या पीले वस्त्र धारण कर देवी की पूजा करें। मां के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करें।अपनी प्रार्थना मां के सामने करें।इसके साथ ही इस मंत्र का जप भी करें।
“कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।”
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