Hanuman: राजधानी दिल्ली की बात की निराली है, राजनीतिक शक्ति के केंद्र बिंदु से लेकर गहरी आस्था से जुड़ी कई साक्ष्य यहां आज भी मौजूद हैं। यही वजह है बादशाह अकबर से लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा तक यहां स्थित विश्व प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में सिर झुकाते हैं। जी हां, कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर सैकड़ों वर्षों से सभी की आस्था का केंद्र है।
कनॉट प्लेस के बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर स्थित इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए सिर्फ दिल्ली के ही लोग नहीं बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।वैसे तो प्रतिदिन मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है,लेकिन मंगलवार और शनिवार को मंदिर परिसर में काफी भीड़ रहती है।
यहां आने वाले भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा के लिए पहुंचते हैं।यहां विराजमान चमत्कारी हनुमान जी के दर्शन मात्र से मन को असीम शांति मिलती है।ऐसी मान्यता है कि यहां हनुमान जी महाराज बाल रूप में विराजमान हैं। खुद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी अपने भारत दौरे के दौरान यहां मत्था टेकने आ चुके हैं।मंदिर काफी चमत्कारी और श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण करने वाला है।यही वजह है कि मंदिर के पट 24 घंटे खुले रहते हैं और श्रद्धालु आते रहते हैं।

Hanuman: जानिए किसने बनाया था मंदिर?
Hanuman: जानकारी के अनुसार महाभारत काल में पांडवों ने यमुना किनारे ही इंद्रप्रस्थ राज्य बसाया था, जिसे आजकल हम दिल्ली नाम से जानते हैं। उसी दौरान पांडवों ने दिल्ली में अलग-अलग 5 मंदिरों की स्थापना की थी। उन्हीं 5 मंदिरों में से एक है यह प्राचीन हनुमान मंदिर, जबकि अन्य 4 मंदिरों में शामिल हैं दक्षिण दिल्ली का काली मंदिर ‘कालकाजी’, कुतुब मीनार के निकट योगमाया मंदिर, पुराने किला के निकट भैरों मंदिर एवं निगम बोध घाट स्थित नीली छतरी महादेव जी का मंदिर।
उस दौरान पांडव इंद्रप्रस्थ पर और कौरव हस्तिनापुर पर राज किया करते थे। दोनों ही कुरु वंश के थे। ऐसी मान्यता है कि पांडवों के भाई भीम और हनुमान दोनों भाई थे इसलिए दोनों को वायु-पुत्र ही कहा जाता है। हनुमान से इस लगाव के कारण ही पांडवों ने इस हनुमान मंदिर की स्थापना दिल्ली में की थी ।
Hanuman: मंदिर का बहुमूल्य इतिहास
हनुमान मंदिर का वर्तमान स्वरूप वर्ष 1924 में उस वक्त श्रद्धालुओं के सामने आया जब तत्कालीन जयपुर रियासत के महाराज जय सिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया। इसके बाद दुनियाभर में इसकी लोकप्रियता फैलती गई और बजरंग बली ने सब पर अपनी कृपा बरसानी शुरू कर दी। मंदिर के महंत ने बताया कि यहां हनुमान जी के बाल रूप के दिव्य दर्शन किए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि महाराजा जय सिंह द्वारा जीर्णोद्धार कराए जाने से पूर्व इस मंदिर पर मुगल शासन के दौरान आतताइयों ने हमले भी किए, लेकिन यह हनुमान जी महाराज की शक्ति के सामने टिक न सके। बाल स्वरूप वाले हनुमान जी और उनके मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके।
मंदिर पिछले कई वर्षों से 33 पीढ़ियां लगातार हनुमान जी के मंदिर की देखभाल और बजरंग बली की सेवा करती आ रही हैं। उन सभी पर हनुमान जी की विशेष कृपा है।
Hanuman: गोस्वामी तुलसीदास जी किए दर्शन

मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक प्रसिद्ध भक्तिकालीन संत गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान यहां आकर बजरंग बली के अद्भुत बाल रूप के दर्शन किए थे। श्री हनुमान जी महाराज के दर्शन मात्र से इतने मंत्रमुग्ध हुए कि यहीं बैठकर उन्होंने हनुमान चालीसा की रचना की थी। इसी दौरान जब आगरा में बैठे मुगल सम्राट अकबर तक यह खबर पहुंची तो उन्होंने तुलसीदास जी को दरबार में आने का आदेश भेजा। आदेश पाकर तुलसीदास यहां पहुंचे। तब मुगल सम्राट ने उनसे कोई चमत्कार दिखाने का आग्रह किया।
मुगल शासक की मांग बेहद कठिन थी मगर बताया जाता है कि संत तुलसी दास जी ने उन्हें पूर्ण संतुष्ट किया। इसके बाद ही सम्राट ने कनाट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर के शिखर पर इस्लामी चंद्रमा एवं किरीट कलश समर्पित किया। इसके उपरांत मुस्लिम आक्रमणकारियों ने कभी भी इस मंदिर पर कोई हमला नहीं किया क्योंकि मंदिर के शिखर पर इस्लामी चंद्रमा स्थापित था। बताया जाता है कि मुगल सम्राट अकबर भी इस बजरंग बली के मुरीद हो गए थे।
Hanuman: मंदिर देता है सर्व धर्म समभाव का भी संदेश
Hanuman: यह मंदिर सर्व धर्म समभाव का भी संदेश देता है क्योंकि यहां हर धर्म के श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर के पास ही गुरुद्वारा बंगला साहिब स्थित है तो दूसरी तरफ मस्जिद और चर्च भी हैं। मंदिर में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चोला चढ़ाने की विशेष परम्परा है। चोला चढ़ावे में श्रद्धालु घी, सिंदूर, चांदी का वर्क और इत्र की शीशी का प्रयोग करते हैं।
इस मंदिर की एक खास विशेषता यह भी है कि यहां हनुमान जी लगभग 90 साल बाद अपना चोला छोड़कर प्राचीन स्वरूप में आ जाते हैं। सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि यहां चौबीसों घंटे अटूट मंत्र जाप होता है। यह सिलसिला 1 अगस्त 1964 से लगातार चलता आ रहा है। यह जाप श्री राम जय राम जय जय राम का होता है। बताया जाता है कि ये विश्व का सबसे लंबा जाप है। यही वजह है कि यह गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्डस में भी दर्ज है।
इस हनुमान मंदिर के पास ही एक विख्यात शनि मंदिर भी है। यह भी काफी प्राचीन मंदिर है। यह शनि मंदिर एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में भी श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं। हनुमान मंदिर के लिए साल में चार तिथियां काफी महत्वपूर्ण होती हैं दीपावली, हनुमान जयंती, जन्माष्टमी एवं शिवरात्रि। इन तिथियों को मंदिर दुल्हन की तरह सजाया जाता है और हनुमान जी का विशेष शृंगार किया जाता है।
संबंधित खबरें
- Sabrimala में भगवान अयप्पा के दर्शन करने पहुंच रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़, 41 दिनों तक चलेगा ‘मंडल पूजा उत्सव’
- Shri Ram:श्रीराम और हनुमान जी का नाता है अनोखा, जानिए कैसे श्री रामचंद्र ने स्वर्गारोहण से पूर्व हनुमान जी को भेजा नागलोक ?