Diwali 2021: हिंदू धर्म में दीवाली का विशेष महत्व है, क्योंकि यह खुशी और रोशनी लाती है। हालांकि, हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल त्योहार की तारीख बदलती रहती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दीवाली अमावस्या के दिन मनाई जाती है, जो कार्तिक के महीने में ढलते चंद्रमा या कृष्ण पक्ष के 15 वें दिन आती है। इस साल दीवाली दीवाली 4 नवंबर 2021 गुरुवार को है।
गणेण जी की पूजन और उपासना करने से घर में सम्पन्नता, समृद्धि, सौभाग्य और धन का समावेश होता है। गणेश जी माता लक्ष्मी के मानस-पुत्र हैं। इसलिए माता को खुश करने के लिए गणेश जी के साथ उनकी पूजा की जाती है। साथ ही हर शुभ काम से पहले गणेश जी की पूजा होती है।
पूजा मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 06:09 PM से 08:04 PM
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:39 PM से 12:31 AM, नवम्बर 05
पूजन विधि
दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का आसन बिछा कर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की स्थापना करें।
गणेश जी का मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे (मस्तक) पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।
(माथे पर सिन्दूर सोहे, मूसे की सवारी)
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
(हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा)
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
यह भी पढ़ें:
Diwali 2021: दीवाली पर क्यों की जाती है लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा, पढ़ें यहां