Supreme Court: देशभर में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग की गई है कि देश की 100 साल से पुरानी सभी मस्जिदों का सर्वे कराया जाए। बता दें कि मंदिर-मस्जिद का विवाद उत्तर प्रदेश से शुरू होकर धीरे-धीरे देश के अन्य राज्यों में भी फैल रहा है। दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने दावों के साथ कोर्ट का रुख कर रहे है। अभी हाल ही में कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा मस्जिद को लेकर कोर्ट में सुनवाई का दौर चल ही रहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट में देश की सभी पुरानी मस्जिदों को लेकर सर्वे करने की मांग उठ गई है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों की तरफ से ये याचिका दायर की गई है कि देश की सभी 100 साल से अधिक पुरानी मस्जिदों का गुप्त रूप से सर्वे कराया जाए। साथ ही याचिका में मस्जिदों के सर्वे के लिए ASI जांच एजेंसी या किसी अन्य सरकारी एजेंसी द्वारा गोपनीय सर्वे कराए जाने की मांग की गई है।
Supreme Court: वकील शुभम अवस्थी और सप्तर्षि मिश्रा ने दायर की है याचिका
सुप्रीम कोर्ट में मस्जिदों के सर्वेक्षण के लिए वकील शुभम अवस्थी और सप्तर्षि मिश्रा ने मिल कर याचिका दायर की है। दोनों वकीलों ने याचिका दायर करते हुए कुछ सुझाव भी दिए है। चूंकि याचिकाकर्ता वकीलों का कहना है कि ऐसा करने से आने वाले समय में किसी भी तरह की धार्मिक हिंसा से बचा जा सकता है। सर्वे कराने से भविष्य में लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से बचा जा सकता है।
Supreme Court: याचिका में कही गई है कई अहम बातें
मस्जिद में सर्वे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कई महत्वपूर्ण बातों को रखा गया है। याचिका में कहा गया है कि अगर ये गोपनीय सर्वेक्षण पूरा किया जाता है तो भविष्य में किसी भी अनावश्यक सांप्रदायिक घृणा और धार्मिक भावनाओं को आहत करने से बचा जा सकता है। इसके अलावा याचिका में गोपनीय सर्वेक्षण पूरा किए किए जाने तक वजू करने के लिए कोई अलग स्थान पर पूरी व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।
याचिका के मुताबिक यदि सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के अंदर मौजूद तालाब और कुएं से किसी धर्म विशेष की मिली चीजों को संरक्षित रखा जा सके जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत होने से बचाया जा सकेगा तो ऐसा किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि याचिका में इतिहास के तथ्यों का दावा करते हुए कहा गया है कि ऐसे बहुत सारे प्रमाण है जिसमें यह लिखा है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनायी गई हैं। ऐसे में अगर भारत सरकार गोपनीय सर्वेक्षण करवाएं तो हकीकत सामने आ सकती है।
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