Kisan Mahapanchayat: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी (GIC) मैदान में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) जारी है। महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, ‘जब भारत सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जाएंगे। जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तब तक किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) जारी रहेगा। आजादी के लिए संघर्ष 90 साल तक चला, इसलिए मुझे नहीं पता कि यह आंदोलन कब तक चलेगा।’ संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है।
मुजफ्फरनगर मैदान में किसान महापंचायत जारी है। देशभर से सैकड़ों किसानों का जत्था इसमें शामिल हुआ है। महिलाएं भी बढ़-चढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है। महापंचायत के मद्देनजर सुरक्षा को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात किए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। माना जा रहा है कि महापंचायत में यूपी और उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए भी रणनीति बन सकती है। इस महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल हुए हैं।
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने पंचायत में सहयोग करने वाले और मीडिया का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि 9 महीने से लाखों लोग दिल्ली को घेरे बैठे हैं। 22 जनवरी से सरकार से हमारी बातचीत बंद है। अब तक हमारे सैकडों किसान शहीद हो गए हैं लेकिन सरकार ने जवाब नहीं दिया।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि देश की संपत्ति को बेचने वालों की पहचान करनी होगी, सिर्फ यूपी और उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में मीटिंग करनी होगी। टिकैत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि रेल, जहाज और हवाईअड्डे बेचे जाएंगे, ये बातें आपके घोषणा में नहीं थी।
साथ ही टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि यह किसानों की ताकत है और कब तक सरकारें हमें हमारे अधिकारों से वंचित करती रहेंगी. किसान अपने दम पर कई राज्यों से आए हैं और वे यहां किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं हैं। टिकैत ने कहा कि भारत को अब बिक्री के लिए रखा जा रहा है और राष्ट्रीय संपत्ति निजी क्षेत्र को बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के समर्थन में अगली बैठक लखनऊ में होगी।
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दंगा करवाने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगी जनता: राकेश टिकैत
अगर देश में मॉल खुलेंगे तो हमारे मजदूर भाई कहां जाएंगे। ये लड़ाई एमएसपी पर कानून बनने से शुरू हुई है। पूर्ण रूप से फसलों के दाम नहीं तो वोट नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जमीन पर दंगा करवाने वाले को यहां की जनता बर्दाश्त नहीं करेंगी। अगर शहीद भी होना पड़ा तो पीछे नही हटेंगे। किसान कृषि कानून वापस कराने के लिए पूरा जोर लगाएगा।
1संयुक्त किसान मोर्चा का 27 को भारत बंद
संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। इसके अलावा 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में मीटिंग करेगी संयुक्त किसान मोर्चा।
राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएंगे लेकिन मोर्चा डटा रहेगा। हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा। हमें गन्ने का भाव 450 रुपये कुंतल चाहिए। हम गाजीपुर से नहीं उठेंगे। कृषि बिलों की वापसी तक घर नहीं जाएंगे। सरकार को वोट से चोट देनी होगी। इस दौरान टिकैत ने मोदी-शाह को बाहरी बताया। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में मोर्चे की बैठक होगी। जीआईसी मैदान में लगभग दो लाख किसान मौजूद हैं।
फसलों के दाम नहीं, तो वोट नहीं
टिकैत ने कहा कि ठेका प्रथा से रोजगार जाएगा, रेहड़ी पटरी वाले बड़ी कंपनियों के आने से बेरोजगार होंगे। ये लड़ाई कृषि कानूनों और MSP की मांग से शुरू हुई थी। हमने सरकार के सामने रामपुर का डाटा रखा था। अगर पूर्ण रूप से फसलों के दाम नहीं मिलेंगे तो वोट भी नहीं मिलेगा। अब इनको वोट की चोट देनी होगी।
राकेश टिकैत ने कहा कि आप सबको 28 जनवरी तारीख की याद होनी चाहिए, उस दिन 148 किसानों के ऊपर हजारों पुलिस वाले थे। उस घटना के बाद पूरा हरियाणा और उत्तर प्रदेश सड़क पर था। हम बिना जीते वापस नहीं आएंगे, चाहे वहां हमारी कब्रें बन जाएं। इस तरह की सरकार बनती है तो दंगे होते हैं, महेंद्र टिकैत के समय में अल्लाह हूं अकबर और भगवान का नारा साथ लगता था।
वरुण गांधी ने की किसानों का दर्द समझने की अपील
वहीं भाजपा नेता वरुण गांधी ने किसानों का दर्द समझने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं। ये किसान हमारे अपने ही खून हैं। हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है। उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।’