Nuclear Attack: Russia-Ukraine War के समय सभी देशों को इस बात की चिंता थी कि रूस-यूक्रेन पर परमाणु हमला (Nuclear Attack) न कर दे। हर तरफ सिर्फ यही चर्चा का विषय बना हुआ था। लेकिन आप में से कई लोगों को परमाणु से जुड़ी कई बातों का पता नहीं होगा जो काफी रोचक है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर यह परमाणु हमला किस हद तक खतरनाक हो सकता है, इसकी शुरूआत किसने की, किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं और भी बहुत कुछ है जो आप इस खबर में डिटेल से पढ़ेंगे। इस खबर में हम आपको Nuclear Attack से जुड़ी सभी बातें बताएंगे।
Nuclear Attack: Nuclear Bomb का इतिहास
विश्व का सबसे पहला Nuclear Bomb, Robert Oppenheimer ने बनाया था। इनको Father Of Atomic Bomb भी कहा जाता है। इनके बनाए गए पहले परमाणु बम का नाम “Trinity” था। सबसे पहले परमाणु विस्फोट का परीक्षण 16 जुलाई, 1945 को New Mexico के शहर Alamagordo के एक रेगिस्तान में किया गया था। इस परमाणु बम को परीक्षण के समय काफी ऊंचाई पर रखा गया था। सबसे पहले परमाणु विस्फोट का परीक्षण लगभग 1000 से अधिक लोगों ने देखा था। इसी के बाद कहा जा सकता है कि परमाणु युग की शुरूआत हो गई थी।
Nuclear Attack का असर
Nuclear Attack का असर उसकी शक्ति पर निर्भर करता है। जापान के हिरोशिमा और नागासाकी की बात करें तो शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे इसके बारे में न पता हो। लेकिन इस खबर में हम आपको यह बताएंगे कि संसार के सबसे शक्तिशाली परमाणु बम के हमले के बाद क्या हो सकता है?
सबसे पहले आपको यह बता दें कि संसार का सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियार (Nuclear Bomb) इस वक्त रूस के पास है। इस परमाणु हथियार का नाम सार बम (Saar Bomb) है जो कि 100 टन का है। यदि यह बम किसी क्षेत्र पर गिरा दिया जाए तो अंदाजन लगभग 3 कि.मी तक आग का गोला देखा जा सकता है।
अगर हम आम भाषा में कहें तो 3 कि.मी की दूरी तक सब कुछ जल कर राख हो जाएगा। वहीं आस-पास न जाने कितनी दूरी तक इसकी Radiation फैलेगी जो किसी भी हालत में लोगों के लिए शारीरिक तौर पर नुकसानदायक ही साबित होगा। आने वाली कई पीढ़ियों तक बच्चों को अपंग देखा जाएगा और साथ ही कई लोग कैंसर जैसे रोग का शिकार हो जाएंगे। साथ ही वातावरण की बात करें तो इसकी Radiation इतनी ज्यादा होगी कि आने वाले कई सालों तक मौसम में इसका असर देखा जा सकेगा।
इन देशों के पास हैं परमाणु बम
इस वक्त विश्व के 9 देशों के पास परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) मौजूद है। इन 9 देशों में United States, Russia, China, North Korea, France, Israel, India और Pakistan शामिल हैं। इन देशों में 90% Nuclear Weapon सिर्फ Russia और United States के पास है। नीचे दी गयी लिस्ट में देशों के परमाणु हथियारों की संख्या दी गई है।
Country | Nuclear Weapons |
Russia | 6,257 |
United States | 5,550 |
China | 350 |
France | 290 |
United Kingdom | 225 |
Pakistan | 165 |
India | 160 |
Israel | 90 (संभावित) |
North Korea | 45 |
इन देशों में से 8 देशों को परमाणु हथियार से पूर्ण देश माना जाता है क्योंकि इन देशों ने समय-समय पर सफल परमाणु परीक्षण भी किया है। वहीं Israel के पास Nuclear Weapon होने के सबूत तो हैं पर उसने कभी परीक्षण का प्रमाण नहीं दिया है। इसमें United Kingdom, Russia, United States, China और France को Non Proliferation Of Nuclear Weapons (NPT) की संधि के तहत Nuclear- Weapon States की मान्यता दी गई है।
किसके आदेश पर होता है Nuclear Attack?
दरअसल लोगों में यह अफवाह है कि किसी देश का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री जब चाहे तब परमाणु हमला कर सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है, किसी भी देश पर परमाणु हमला करने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अगर हम अपने देश भारत की बात करें तो हमारे देश में परमाणु हमले का आखिरी फैसला देश के प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है। देश के प्रधानमंत्री को Nuclear Command Authority (NCA) का प्रमुख माना जाता है।
NCA वो संस्थान है जो अपने देशों के परमाणु के विषय से जुड़े सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। प्रधानमंत्री के पास इसका अधिकार होने का यह मतलब नहीं है कि वो जब भी चाहे तो किसी भी देश पर हमला कर सकते हैं बल्कि इसके लिए आदेश देने से पहले उन्हें कई बड़े राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ विचार-विमर्श करना पड़ता है।
दो बार हो चुका है Nuclear Attack
विश्व में अब तक 2 बार Nuclear Attack किया जा चुका है। यह दोनों ही हमले जापान के शहरों में किए गए थे। जिसमें तकरीबन 2 लाख से भी अधिक लोग क्षण भर में खत्म हो गए थे। पहला Nuclear Attack 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा में किया गया था। इस परमाणु बम का नाम Little Boy था। वहीं, दुसरा Nuclear Attack भी जापान के ही शहर नागासाकी में 9 अगस्त, 1945 में Fat Man नाम के परमाणु से किया गया था।
हमला होने के कुछ समय बाद वहां पर वैज्ञानिकों की एक टीम वहां का परीक्षण करने पहुंची। जिसमें से कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि जब यह Nuclear Attack हुआ उस समय वहां के वातावरण का तापमान लगभग 3000 डिग्री सेल्सियस था, जो कितना ज्यादा गर्म होगा इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। यह हमला इतना खतरनाक था कि आज भी वहां कई बच्चे अपंग और मानसिक तौर पर कमजोर पैदा होते हैं। इन दोनों हमलों के बाद जापान ने अमेरिका के सामने घुटने टेक दिए थे क्योंकि बताया जाता है अमेरिका फिर से 19 अगस्त को जापान की राजधानी टोक्यो पर हमला करने वाला था।
भारत का परमाणु परीक्षण
भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण 18 मई, 1974 को राजस्थान के पोखरन में किया था। यह परमाणु परीक्षण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था। इस परमाणु का नाम “Smiling Buddha” था।
इसके बाद 11 मई, 1998 को एक बार फिर पोखरन में ही दूसरा परमाणु परीक्षण किया गया था। इस समय एक साथ तीन परमाणु बम का परीक्षण किया गया था। इस परमाणु परीक्षण का नेतृत्व तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कर रहे थे और इसकी अगुवाई भारत के Missile Man APJ Abdul Kalam कर रहे थे।। इस ऑपरेशन का नाम “Operation Shakti” था।
बताया जाता है कि इस परीक्षण के दौरान अमेरिकी सैटलाइट से गोपनीयता बनाए रखने के लिए परीक्षण के लगभग 25 दिन पहले से सेना के जवान क्रिकेट खेलने जाया करते थे। ताकि अमेरिकी वैज्ञानिकों के इस परीक्षण का आभास न हो। इसके बाद जिस दिन परीक्षण किया जाना था इस दिन देश के सभी वो वैज्ञानिक जो इस परीक्षण में शामिल हुए थे वह अपनी वर्दी की जगह भारतीय सेना की वर्दी पहन कर परीक्षण केन्द्र पर पहुंचे थे। इससे सभी भारतीय वैज्ञानिकों और सेना के सहयोग से अमेरिकी वैज्ञानिकों के भनक लगने से पहले ही दूसरा परमाणु परीक्षण कर लिया गया था।
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