Floating City: मालदीव में तेजी से आकार ले रहा है ‘Floating City ‘ नाव के जरिये महज 10 मिनट में पहुंचना सुलभ

Floating City: मालदीव की राजधानी माले से फिरोजा लैगून तक नाव के जरिये महज 10 मिनट में तैरते शहर में पहुंचा जा सकता है।फिलहाल ये शहर 20 हजार लोगों के रहने के लिए पर्याप्त है।

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Floating City
Floating City

Floating City:बेशक सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा। अब तक सपनों और कल्‍पनाओं में हमने दुलर्भ तैरते हुए शहर के बारे में सोचा था। लेकिन बहुत जल्‍द ही ये सपना साकार होने जा रहा है। दरअसल भारत का पड़ोसी देश हिंद महासागर में ‘तैरते हुए शहर’ का निर्माण कर रहा है।शहर अब अपना आकार भी लेने लगा है।

मालदीव की राजधानी माले से फिरोजा लैगून तक नाव के जरिये महज 10 मिनट में तैरते शहर में पहुंचा जा सकता है।फिलहाल ये शहर 20 हजार लोगों के रहने के लिए पर्याप्त है। मगर जैसे- जैसे ये शहर आकार लेता जा रहा है।स्वर्ग के समान खूबसूरत दिखता जा रहा है।इस शहर को देखने के बाद हर कोई यहां आकर एक बार जरूर रहना चाहेगा।

Floating City
Floating City of Maldives.

Floating City: ब्रेन कोरल के पैटर्न में हो रहा डिजाइन

इस खास तैरते शहर को बेहद खूबसूरत तरीके से ब्रेन कोरल पैटर्न का डिजाइन दिया जा रहा है।जहां रेस्तरां, दुकान और स्कूलों सहित 5,000 तैरती हुई चीजें होंगी। जिनके बीच में नहरें बह रही होंगी।इस महीने पहली इकाइयों का अनावरण किया जाएगा। वर्ष 2024 की शुरुआत में यहां पर रहने के लिए लोगों को भेजा जाने लगेगा। वर्ष 2027 तक पूरे शहर का निर्माण पूरा हो जाएगा।

Floating City: जलवायु परिवर्तन को देखते हुए किया जा रहा है निर्माण

गौरतलब है कि मालदीव दवीप जलवायु परिवर्तन के लिहाज सबसे असुरक्षित देशों में से एक है। इसकी 80 फीसदी भूमि क्षेत्र समुद्र तल से महज 1 मीटर से भी कम है। ऐसे में अपने अस्तित्‍व को बचाए रखने के लिए मालदीव तैरते हुए शहर का निर्माण कर रहा है। इसे प्रॉपर्टी डेवलपर डच डॉकलैंडस और मालदीव की सरकार संयुक्‍त रूप से तैयार कर रही है।

Floating City:मशहूर वास्‍तुकार कोएन ओल्‍थुइस ने किया निर्माण

वाटर स्टूडियो के संस्थापक कोएन ओल्थुइस ने समुद्र में बनने वाले इस खास शहर की वास्तुकला और डिजाइन किया है। उनके अनुसार यह साबित कर सकता है कि पानी पर किफायती आवास, बड़े समुदाय और सामान्य शहर भी सुरक्षित हैं। मालदीव के लोग अब जल्‍द ही जलवायु शरणार्थियों से जलवायु इनोवेटर्स बन जाएंगे।

नीदरलैंड में जन्मे और पले-बढ़े कोएन ओल्थुइस अपना पूरा जीवन में पानी के समीप ही बिताया है। उनकी मां के परिवार में जहाज बनाने वाले थे, जबकि उनके पिता आर्किटेक्ट और इंजीनियरों के घर से आते थे।बाद में उन्‍होंने अपनी खुद की आर्किटेक्‍ट कंपनी वाटर स्टूडियो खोली।

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