Gecko Lizard: BMW से भी महंगी है ये गीको छिपकली, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

गीको छिपकली का मांस मर्दानगी बढ़ाता है साथ ही ये नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों में भी काफी फायदेमंद है। इस वजह से इसका शिकार बेतहाशा किया जाने लगा, खासकर चीन में तो इसका उपयोग ट्रेडिशनल दवाइयों में किया जाता है।

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BMW से भी महंगी है ये Gecko Lizard
BMW से भी महंगी है ये Gecko Lizard

Gecko Lizard: दुनिया में वैसे तो कई तरह के जानवर मौजूद हैं। इनमें से कुछ को लोग शौक से पालते हैं। लेकिन कुछ जीव इतने कीमती हैं कि उनकी कीमत सोने-चांदी से भी ज्यादा है। आज हम आपको एक ऐसी ही बेशकीमती छिपकली के बारे में बताने जा रहे हैं। कुछ गीको छिपकली ऐसी ही है कि यह सिर्फ बिहार और नेपाल में पाई जाती हैं जो करोड़ों में बिकती हैं।

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BMW से भी महंगी है ये Gecko Lizard

हम बात कर रहे गीको छिपकली (Gecko Lizards) की। वैसे तो आपने अपने घर की दीवार पर कई बार छिपकलियों को चलते देखा होगा। इन्हें देखकर कई तो डर से चीखने लगते हैं, लेकिन जिस छिपकली की हम बात कर रहे हैं, उन्हें खरीदने के लिए लोग मुंहमांगी कीमत देने के लिए तैयार रहते हैं। इस छिपकली को स्मगल किया जाता है और इस एक छिपकली की कीमत में इंसान बीएमडब्लू जैसी महंगी लग्जरी कार आराम से खरीद सकता है।

भारत में पाई जाती है Gecko Lizard

ये बेशकीमती छिपकली दुनिया के सिर्फ दो हिस्सों में पाई जाती है। एक बिहार और दूसरा बिहार से ही सटा नेपाल का इलाका। इन दो एरियाज में गीको छिपकली मिलते हैं। इन्हें भारत में बेचना या खरीदना गैरकानूनी है। इस वजह से स्मगलर्स इन्हें चोरी-चुपके से पकड़ कर विदेशों में मुंह मांगे दाम में बेचते हैं। एक गीको की कीमत उसके साइज के हिसाब से सत्तर से अस्सी लाख तक हो सकती है। बाहर इसे खरीदने वाले कई खरीददार मिल जाते हैं।

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कई बीमारियों में उपयोग होता है Gecko Lizard

कई बीमारियों में उपयोग होता है Gecko Lizard

इस गीको छिपकली के बेशकीमती होने की कुछ खास वजह है। गीको छिपकली दुनिया में बहुत कम बची हैं। इस वजह से इन्हें Wildlife Protection Act, 1972 के शेड्यूल 3 के तहत लिस्टेड किया जा चुका है। इनका शिकार गैरकानूनी है क्योंकि अब ये काफी कम मात्रा में बच गए हैं। इनका शिकार मुख्यत इनकी कई तरह की बीमारियों के दवा में इस्तेमाल के कारण होता है।

कहा जाता है कि गीको छिपकली का मांस मर्दानगी बढ़ाता है साथ ही ये नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों में भी काफी फायदेमंद है। इस वजह से इसका शिकार बेतहाशा किया जाने लगा, खासकर चीन में तो इसका उपयोग ट्रेडिशनल दवाइयों में किया जाता है। स्मगलर्स इन्हें पकड़कर ऐसे ही देशों में बेचकर पैसे कमाते हैं।

क्यों है Gecko Lizard की इतनी डिमांड

रोक की वजह से स्मगलर्स गीको छिपकली को चोरी से बेचते हैं। इसके बदले उन्हें मुंह मांगी कीमत मिल जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक गीको छिपकली की कीमत उसके साइज के आधार पर तय होती है। एवरेज छिपकली की कीमत 70-80 लाख रुपये तक मिल जाती है। अगर छिपकली का आकार बड़ा है तो कीमत करोड़ रुपये से ऊपर भी जा सकती है।

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