World Human Rights Day 2022: हर साल 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर NHRC (National Human Rights Commission) ने नई दिल्ली विज्ञान भवन में एक समारोह आयोजित किया है। इस समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एम.एम. कुमार, डॉ. डी.एम. मुले और महासचिव राजीव जैन और देवेंद्र कुमार सिंह समेत कई एनएचआरसी के सदस्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित है। बता दें कि इस वर्ष मानव अधिकार दिवस का विषय ‘सभी के लिए गरिमा, समानता एवं न्याय’ है। हर साल इसे मनाने का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों से जागरूक करवाना है। इसमें कई अधिकार जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक समाजिक अधिकार शामिल है।
World Human Rights Day 2022: ‘सभी के लिए गरिमा, समानता एवं न्याय’- विषय
कार्यों और कर्तव्यों पर चिंतन करना और यह सुनिश्चित करना कि वे मानव अधिकारों के उल्लंघन का कारण न बनें। पहली बार 10 दिसंबर 1948 में संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार घोषणा पत्र को अपनाया था। अब यह अपनाने के 75वें साल में प्रवेश करने जा रहे हैं और अगले साल इसकी 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। बता दें कि NHRC भारत ने नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया है।
NHRC के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा का संदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “मानवाधिकार दिवस की सभी को बधाई। यह इस वर्ष मील का पत्थर 75 वीं वर्षगांठ में प्रवेश कर रहा है। यह अमृत काल मानव अधिकारों के प्रचार और संरक्षण के महत्व पर वैश्विक सहमति को चिह्नित करने के लिए मनाया जा रहा है। यूडीएचआर के सिद्धांतों को याद रखने और मजबूत करने के लिए इस दिन मनाया जाता है कि हर इंसान, नस्ल, रंग, धर्म, लिंग, भाषा, राजनीतिक या अन्य राय, राष्ट्रीय या सामाजिक मूल, संपत्ति, जन्म या अन्य स्थिति की परवाह किए बिना, समानता पैदा हो। जीवन, स्वतंत्रता, गरिमा और समानता के अधिकार हैं। हालांकि, हमें हर अधिकार को निभाए जाने वाले कुछ संबंधित कर्तव्य से सह-संबंधित करना होगा।
आज मानवाधिकारों की विभिन्न नई चिंताओं के बीच, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण का क्षरण दुनिया भर में कई मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक प्रमुख कारण बनकर उभर रहा है, जिसके लिए सभी का समान रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी हितधारकों को वृद्धि और विकास के हितों में योगदान करने की आवश्यकता है। आइए हम एक बेहतर दुनिया के लिए अपनी सर्वोत्कृष्ट खोज में मानवाधिकारों और भावनाओं को महत्व देकर शांति और सद्भाव की तलाश के इस मार्ग के माध्यम से अपना मार्गदर्शन करने के लिए हाथ मिलाएं।
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