Supreme Court: दिल्ली के सराय काले खां क्षेत्र में रैन बसेरे को हटाने का कार्य बुधवार को किया गया। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड(DUSIB) ने यहां के कई रैन बसेरों को आज बुलडोजर से तोड़ कर हटा दिया। वहीं, इस कार्रवाई और रैन बसेरे में रहने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए एडवोकेट प्रशांत भूषण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सीजेआई ने मामले की सुनवाई करने की बात कही है। कोर्ट इस मामले पर 22 फरवरी को सुनवाई करेगा।
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Supreme Court: डीयूएसआईबी की कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका
बुधवार को डीयूएसआईबी दिल्ली के सराय काले खां क्षेत्र में बने कई रैन बसेरों को तोड़ने का काम किया। वहीं, डीयूएसआईबी की कार्रवाई को रोकने के लिए वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के समक्ष मामले का जिक्र किया। प्रशांत भूषण के द्वारा कोर्ट में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि डीयूएसआईबी की इस कार्रवाई को रोका जाए। उन्होंने कहा कि रैन बसेरे में 50 बेघर निवासी रहते हैं। वकील ने कहा “सराय काले खां में बिना किसी पुनर्वास के रैन बसेरों को हटाया जा रहा है। कार्रवाई सुबह 10:30 के बाद शुरू होनी थी लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि हम मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर आ रहे हैं तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।” हालांकि इस मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 22 फरवरी की तारीख तय की है।
लोगों के पुनर्वास को लेकर होगी सुनवाई
सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले को जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस दीपांकर दत्ता के समक्ष ले जाने के लिए कहा। आपको बता दें कि जब इस मामले को जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने उठाया, उससे पहले ही रैन बसेरों को हटाया जा चुका था। मामले को लेकर जस्टिस रॉय ने विचार करते हुए कहा कि मामले में अब अत्यावश्यकता मौजूद नहीं है और वर्तमान स्तर पर कुछ भी नहीं किया जा सकता है। इस मामले में जस्टिस दत्ता ने कहा कि अब कोर्ट को लोगों की पुनर्वास के मुद्दे पर विचार करना है, जिसके लिए मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी 2023 को की जाएगी।
जी20 को लेकर रैन बसेरों को स्थानांतरित करने की बात
मिली जानकारी के अनुसार,डीयूएसआईबी के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) से सितंबर में निर्धारित जी20 शिखर सम्मेलन से पहले सराय काले खान में रैन बसेरों को स्थानांतरित करने के लिए कहा है। डीयूएसआईबी को लिखे पत्र में पुलिस ने कहा था कि आश्रय गृह सराय काले खां अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के करीब है और इसलिए देश भर के लोग इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। पत्र में कहा गया है, रैन बसेरों में रहने वाले लोगों के पहचान प्रमाण पूरी तरह से सत्यापित नहीं हैं और अपराधी और बदमाश अक्सर जाली आधार कार्ड और अन्य सबूत जमा करने के बाद इसे छिपने की जगह के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
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