“समितियां गठित करने से खत्म नहीं हो जाएगा प्रदूषण”, जानिए Supreme Court को ऐसा क्यों कहना पड़ा?

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Supreme Court: दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। आलम ये है कि एक्यूआई गंभीर श्रेणी से अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसी बीच आज सोमवार (06 नवंबर) को सर्वोच्च न्यायालय में प्रदूषण के आकलन के लिए जिला स्तर पर एक स्थायी विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई।

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Supreme Court on Pollution

Supreme Court ने खारिज की याचिका

प्रदूषण के आकलन के लिए जिला स्तर पर एक स्थायी विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से नीतिगत मामला है जिसपर विचार नहीं हो सकता है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से नीतिगत मामला है। बता दें, पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। उन्होंने कहा, “क्या आपको लगता है कि अगर देश भर के सभी जिलों में समितियां होंगी तो प्रदूषण खत्म हो जाएगा।”

पीठ द्वारा मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करने पर याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका वापस ले ली और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया। बता दें, शीर्ष अदालत अजय नारायणराव गजबहार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रदूषण के आकलन के लिए जिला स्तर पर एक स्थायी विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

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