Supreme Court कॉलेजियम प्रणाली पर विचार करेगा, जजों की नियुक्ति के लिए नई व्‍यवस्‍था पर जोर

Supreme Court: कोर्ट ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली जिसे सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ के फैसले द्वारा लाया गया था,संविधान के अनुच्‍छे-32 के तहत दायर एक रिट याचिका में समीक्षा की जा सकती है।

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Supreme Court Judges Appointment
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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई।याचिका में शीर्ष अदालत में न्‍यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक नई स्‍वतंत्र व्‍यवस्‍था करने की मांग की गई है।वकील मैथ्‍यू जे नेदुमपारा ने मुख्‍य न्‍यायाधीश की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्‍लेख किया था। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2015 के फैसले ने कॉलेजियम प्रणाली को पुनर्जीवित किया था, जिसे शुरू से ही अमान्‍य कर दिया जाना था।कोर्ट ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली जिसे सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ के फैसले द्वारा लाया गया था,संविधान के अनुच्‍छे-32 के तहत दायर एक रिट याचिका में समीक्षा की जा सकती है।

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Supreme Court: निष्‍पक्ष न्‍यायपालिका की मांग

दायर याचिका के अनुसार न्‍यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली न्‍यायिक नियुक्तियों में राजनीतिक हस्‍तक्षेप को पूरी तरह से दूर रखने में और सबसे अच्‍छे और योग्‍य जजों की नियुक्ति में पूरी तरह से विफल रही है।जजों के प्रतिष्ठित पद पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वर्तमान और पूर्व जजों, उनके कनिष्‍ठों, प्रतिष्ठित वकीलों के परिजनों का एकाधिकार हुआ है।ऐसे में याचिका के जरिए मांग की गई है कि एक निष्‍पक्ष, पूर्ण रूप से स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका से भी स्‍वतंत्र निकाय बनाया जाए, तो उपयुक्‍त और योग्‍य उम्‍मीदवारों का जज बनने के लिए चयन करे।

Supreme Court: दो जजों के तबादले का विरोध

कॉलेजियम ने देश के 3 हाईकोर्ट के जजों का स्‍थानांतरण कर दिया है।इसी क्रम में गुजरात हाईकोर्ट से जस्टिस निखिल एस करियल और तेलंगना हाईकोर्ट के जज ए अभिषेक रेडडी का पटना हाईकोर्ट तथा मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्‍य न्‍यायाधीश टी राजा का राजस्‍थान हाईकोर्ट में स्‍थानांतरण कर दिया है।इसका बार एसोसिएशन ने कड़ा विरोध जताया है।

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