Supreme Court: CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार की मांग वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Supreme Court: कोर्ट तय करेगा, मामला संविधान पीठ सुनेगी या नहीं

अधिकार के मुद्दे पर केंद्र सरकार का कहना है कि मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पास भेजा जाना चाहिए। अब यह सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मामला संविधान पीठ सुनेगी या नहीं ?
वहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर मामला संविधान पीठ को सौंपा भी जाता है, तो हम कोशिश करेंगे कि 15 मई तक दोनों पक्ष अपनी दलील पूरी करें।
इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें अधिकतम दो दिन लगेंगे। जबकि दिल्ली सरकार की ओर से वकील एएम सिंघवी ने कहा कि दोनों पक्षों को अपनी दलीलें पूरी करने के लिए एक-एक दिन का समय दिया जा सकता है।
Supreme Court: केंद्र ने गठित की बालकृष्ण समिति
GNCTD संशोधन अधिनियम 2021 और दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र सरकार की तरफ से कहा कि बालकृष्ण समिति गठित की गई है और इसकी रिपोर्ट पर संसद में चर्चा भी हो चुकी है। जिसके आधार पर धारा 239aa को संविधान में जोड़ा गया।
Supreme Court: दिल्ली सरकार ने मामला बड़ी बेंच को रेफर करने से किया मना
दिल्ली सरकार के वकील एएम सिंघवी कहा कि इस मामले में पहले ही फैसला आ चुका है, बड़ी बेंच को रेफर करने की जरूरत नहीं है।
बावजूद इसके केंद्र सरकार ने पिछली तीन सुनवाई में मामले को संविधान पीठ के पास भेजने के मुद्दे पर पक्ष रखा है। बालकृष्ण आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की कोई आवश्यकता ही नहीं है, क्योंकि इसे खारिज कर दिया गया था।
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