सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलामेश्वर और जस्टिस रंजन गोगोई के कॉलेजियम ने मद्रास, कर्नाटक और कलकत्ता हाईकोर्ट में 19 जजों की नियुक्ति की सिफारिश की है। जजों के तौर पर जिन नामों के लिए अनुशंसा की गई है वह सभी इस वक्त वकालत कर रहे हैं यानी वकील हैं। मद्रास हाईकोर्ट के लिए 9, कर्नाटक के लिए 5 और कलकत्ता के लिए 5 जजों की नियुक्ति की अनुशंसा तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने की है। 4 दिसंबर को हुई कॉलेजियम की बैठक में मध्यप्रदेश, कर्नाटक, झारखंड और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पदस्थ 23 अतिरिक्त जजों को स्थायी जज बनाने की भी सिफारिश की गई है।

जजों के तौर पर इन नामों की अनुशंसा

कलकत्ता हाईकोर्ट

संपा सरकार, सब्यासाची चौधरी, रवि कृषण कपूर, अरिंदम मुखर्जी और सक्या सेन को जज नियुक्त करने की अनुशंसा।

कर्नाटक हाईकोर्ट

दीक्षित कृष्णा श्रीपद, शंकर गणपति पंडित, रामाकृष्णा देवदास, भोतनहोसुर मल्लिकार्जुन श्याम प्रसाद और सिद्धपा सुनील दत्त यादव को जज नियुक्त करने की अनुशंसा।

मद्रास हाईकोर्ट

सी अमिलियास, पीटी आशा, एम निर्मल कुमार, सुब्रमण्यम प्रसाद, सेंथिलकुमार रामामूर्ति, एन आनंद वेकंटेश, जी के लांथिरायन, कृष्णन रामासामी और सी सरवनन को कॉलेजियम ने जजों के तौर पर नियुक्त करने की अनुशंसा की है।

अतिरिक्त जज जिन्हें स्थायी जज बनाने की अनुशंसा की गई

छत्तीसगढ हाईकोर्ट

जस्टिस संजय अग्रवाल और राजेंद्र चंद्र सिंह सामंत

झारखंड हाईकोर्ट

जस्टिस आनंदा सेन और अनंत बिजय

कर्नाटक हाईकोर्ट

जस्टिस नरेंद्र

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

जस्टिस अतुल श्रीधरन, सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी, विवेक रूसिया, आनंद पाठक, वेदप्रकाश शर्मा, जगदीश प्रसाद गुप्ता, अनुराग कुमार श्रीवास्तव, हौसला प्रसाद सिंह, अशोक कुमार जोशी, विवेक अग्रवाल, नंदिता दूबे, राजीव कुमार दूबे, अंजुली पालो, विरेंद्र सिंह, एस के अवस्थी, विजय कुमार शुक्ला, जीएस आहलुवालिया और सुबोध अभ्यांकर को कॉलेजियम ने स्थाई करने की अनुशंसा की है।

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