Supreme Court: EVM से राजनीतिक दलों के चिन्ह की बजाय प्रत्याशी की फोटो लगाने की मांग के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई।
CJI ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रत्याशी जिस राजनीतिक दल के सिंबल के जरिए चुनाव लड़ रहा है।अगर उसके चुनाव चिन्ह को ईवीएम पर प्रदर्शित नहीं करेगा, तो यह पता कैसे चलेगा कि वह किस पार्टी को रिप्रेजेंट कर रहा है।
इस पर याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा चुनाव और राजनीति में आपराधिक रिकॉर्ड का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास का खुलासा करने के लिए EVM एक अच्छा तरीका है।

Supreme Court: इस प्रक्रिया से बेहतर होगा सिस्टम
Supreme Court: कोर्ट की ओर से आपराधिक इतिहास के मामले पर पहले ही आदेश जारी किया जा चुका है, लेकिन उससे इस मामले में कोई खास मदद नहीं मिली।वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने आगे कहा कि अगर उम्मीदवारों की जानकारी मतदान करने वाले को होगी तो सिस्टम में बेहतर होगा।पार्टी भी अच्छे लोगों को टिकट देने के लिए मजबूर होगी।
CJI ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस मामले पर आपकी ओर से चुनाव आयोग और विधि आयोग को कोई रिप्रेंजनटेशन नहीं दिया गया है।ऐसे में अनुच्छेद 32 के तहत इस मामले पर हम कुछ नहीं कर सकते। आप चाहे तो अपनी याचिका वापस ले सकते हैं।हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आग्रह पर अपनी मांग को चुनाव आयोग के सामने रखने की इजाजत देते हुए याचिका का निपटारा किया।वहीं चुनाव आयोग की ओर से कहा कि अगर यह सवाल आयोग के सामने आएगा तो वो इसपर विचार करेगा।
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