राहुल गांधी ने 2019 मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में राहुल ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल कर खुद को अहंकारी कहने की निंदा की है।
कहा गया है कि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से राहुल के लिए अहंकारी जैसे निंदनीय शब्दों का प्रयोग केवल इसलिए किया गया है क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था। हलफनामे में कहा गया है उन्हें माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए आरपी एक्ट के तहत आपराधिक प्रक्रिया का उपयोग करना कानून का दुरुपयोग है।
हलफनामे मे यह भी कहा गया है कि किसी भी जन प्रतिनिधि को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया के साथ न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग करना है और सुप्रीम कोर्ट को इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए।
अब सुप्रीम कोर्ट 4 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई करेगा।