मुंबई में तीन मुस्लिम कब्रिस्तानों में किरोना से संक्रमित मृतक व्यक्तियों के शवों के अंत्येष्टि पर बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम रोक लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अवकाश याचिका दायर की गई है।
याचिका मुंबई के एक निवासी प्रदीप गान्धी द्वारा दायर की है, जिन्होंने यह अनुरोध किया है कि कोंकणी मुस्लिम कब्रिस्तान, ख़ोजा सुन्नत जमात कबीरस्तान बांद्रा पश्चिम और ख़ोजइज़ाना अशरी जमशेद क़ब्रस्तान बांद्रा पश्चिम आपस में जुड़े हुए हैं और याचिकाकर्ताओं के आवास के बगल में हैं। कब्रिस्तान आवासीय कॉलोनियों से घिरा हुआ है और बांद्रा पश्चिम के इलाके के बीचोंबीच पड़ता है।
याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि “राज्य सरकार ने दिनांक 30.03.2020 एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें निर्देश दिया गया था कि संक्रमण फैलने के जोखिम से बचने के लिए सभी किरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाए और उन्हें दफनाया नहीं जाए। हालांकि, बिना किसी कारणों के राज्य सरकार ने इस परिपत्र को संशोधित किया, और 20 अधिसूचित कब्रिस्तानों में दफनाने की अनुमति देते हुए, 9.04.2020 को नया सर्कुलर जारी किया, जिसमें इन सभी कब्रिस्तानो सूची शामिल थी|
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि य़ह भी आशंका जताई है कि किरोना वायरस मिट्टी के माध्यम से पास की आबादी में फैल सकता है |
याचिका कर्ता ने अपनी याचिका ये मांग की है कि “वर्तमान अभूतपूर्व स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए मृतक के परिवार के सदस्यों के धार्मिकता के अधिकार से पहले समाज के स्वास्थ्य स्थिति रखना चाहिए और इस सर्कुलर के संबन्ध मे “कब्रिस्तान में मृतक को दफनाने की मांग करने वाले।” पर विचार करना चाहिए |