Narendra Giri Case: Allahabad High Court ने बाघंबरी गद्दी के महंत व अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष Narendra Giri की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार Anand Giri की जमानत अर्जी पर CBI से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट में सुनवाई न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने आनन्द गिरी उर्फ अशोक कुमार चोटिया की जमानत अर्जी पर की है। अर्जी पर अधिवक्ता विनीत विक्रम, इमरानुल्ला खान व CBI की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय यादव ने बहस की।
मुझे फंसाया गया है: आनन्द गिरी
याचिकाकर्ता आनन्द गिरी का कहना है कि उसे मामले में फंसाया गया है और वो खुदकुशी नोट संदिग्ध है जिसमें उसका नाम आया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। घटना के समय वह शहर से दूर हरिद्वार में था। खुदकुशी नोट में कटिंग है और अगस्त 2021 में मर चुके संत का भी नाम आया है। नोट मृतक महंत के द्वारा नहीं लिखा गया है। आनंद गिरी 22 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं। विशेष अदालत इलाहाबाद ने 11 नवंबर 2021 को जमानत अर्जी खारिज कर दी है जिस पर यह अर्जी दाखिल की गई है।
गौरतलब है कि 20 सितंबर 2021 को प्रयागराज के श्री बाघम्बरी मठ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि संदिग्ध अवस्था में कमरे की छत से लटके पाये गये थे। काफी शोर-शराबे के बाद और मामले में यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की संलिप्तता के बाद योगी सरकार ने इस मामले में 25 सितंबर को सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी।
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