Maoist Links Case: दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें कथित माओवादी लिंक के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य अभियुक्तों को आरोपमुक्त किया गया था।
Maoist Links Case: बॉम्बे हाईकोर्ट को 4 महीने के भीतर फैसला देने का निर्देश
वहीं, SC ने बॉम्बे हाईकोर्ट को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने और चार महीने के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया। SC ने बॉम्बे HC के मुख्य न्यायाधीश से साईंबाबा और अन्य की अपील उसी पीठ के समक्ष नहीं रखने के लिए कहा,जिसने उन्हें छुट्टी दे दी थी और कहा कि मामला किसी अन्य पीठ के सामने रखा जाए।

2014 में साईंबाबा को किया गया था गिरफ्तार
दरअसल, 15 अक्तूबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार के दिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से दाखिल अपील पर विशेष सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच के आदेश को निलंबित कर दिया था। साथ ही नोटिस भी जारी किया था। साई बाबा फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है। उन्हें मई 2014 में नक्सलियों के साथ कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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