मनीष सिसोदिया को राहत नहीं, ED रिमांड 22 मार्च तक बढ़ी

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Manish Sisodia
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दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी मनीष सिसोदिया की ED रिमांड और बढ़ाई गई। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सिसदिया को 5 दिनों की ED रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। अब मनीष सिसोदिया को 22 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। दरअसल आज मनीष सिसोदिया की ED की 7 दिन की हिरासत खत्म हो रही है। ED ने सिसोदिया की रिमांड की मांग करते हुए कहा कि सिसोदिया से आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की जरूरत है। कोर्ट को बताया गया कि ED ने दिल्ली आबकारी विभाग के आलोक श्रीवास्तव से आमने-सामने पूछताछ की। जिसमें आलोक श्रीवास्तव ने विशेषज्ञ समिति को भेजे गए कुछ ईमेल आदि के बारे में, सी अरविंद के बारे में कुछ जानकारी का खुलासा किया।

ED की तरफ से कहा गया कि मनीष से और आगे पूछताछ करनी है। अरविंद, गोपीकृष्ण और संजय गोयल से कन्फ्रंट कराया जा चुका है। एजेंसी ने कहा सिसोदिया के साथ फिर से अरविंद का सामना कराने की जरूरत है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के कई बयान लिए हैं। ED ने कहा कि कुछ तथ्य सामने आए हैं। हमने मोबाइल डेटा रिट्रीव किया है। जो कि बहुत ज्यादा है। उस पर पूछताछ करनी है।

ED ने कोर्ट को बताया कि 1.23 लाख ईमेल डंप मिले हैं सिसोदिया के क्लॉड से i cloud डेटा भी रिट्रीव किया गया है। ED ने कोर्ट को बताया कि पिछले 8 महीने से वह जो फोन इस्तेमाल कर रहे थे। वह उस फोन को 22 जुलाई 2022 को फोन टूटने पर बदल दिया। जो कि गलत है। जबकि मनीष ने फोन जानबूझकर बदल दिया क्योंकि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में जांच आगे बढ़ाने के लिए लिख दिया।

मनीष सिसोदिया का बचाव

वहीं मनीष के वकील ने कहा ED की रिमांड अर्जी में वही है जो कुछ CBI अपनी रिमांड में कह चुकी है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह बस ED का रिमांड लेने का तरीका है। सिसोदिया की ओर से कहा गया जब दूसरी एजेंसी जांच करती है वो अपने कानून के दायरे में रहकर जांच करती है लेकिन ED के रिमांड में कहीं भी Proceed Of Crime का जिक्र नहीं है। हमें पता नहीं है कि क्राइम क्या है? हमारे ऊपर आरोप क्या है? लेकिन ED यह नहीं बता पा रही कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या है?

एजेंसी की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए मनीष सिसोदिया की तरफ से कहा गया क्या किसी कमरे में इधर से उधर बैठाना जांच होती है। कोर्ट में पेश करने से पहले जांच एजेंसी आखिरी दिन पूछताछ का दिखावा करती है। मनीष के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी तक 7 दिनों में सिर्फ 11 घंटे ही पूछताछ हुई। सिर्फ 4 लोग से कनफ्रंट कराया गया। इस पर ED की ओर से आपत्ति उठाते हुए कहा गया कि आरोपी की तरफ से दी गई दलील बिल्कुल गलत है हम रोज 5 से 6 घंटे पूछताछ कर रहे हैं।

वहीं मनीष के वकील ने कहा कि ED को बताना चाहिए कि अब तक क्या जांच की गई है? कोर्ट ने ED के जांच अधिकारी को यह देखने के लिए बुलाया है कि किस दिन कितने घंटे की पूछताछ हुई है? जांच अधिकारी जज को आंकड़े दिखा रहे हैं। आज ED ने सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड मांगी है। सिसोदिया के वकील ने सवाल उठाया कि क्या ED CBI की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है? ED को यह बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या है।

सिसोदिया की ओर से कहा गया कि कंफ्रंट कराने के लिए हिरासत की ज़रूरत नहीं होती है, समन जारी कर कंफ्रंट कराया जा सकता है। ED ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है अगर अभी हिरासत नहीं मिली तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी। एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि पूछताछ CCTV की निगरानी में की जा रही है। ED ने आरोपी की उस दलील पर तर्क दिया जिसमें प्रोसीड ऑफ क्राइम की बात कही गई है। ED ने कहा ,प्रोसीडिंग ऑफ क्राइम, प्रॉफिट मार्जिन का 12 प्रतिशत किए जाने का पता लगाना है, जिसके लिए ही गिरफ्तारी की गई।

सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि दिनेश अरोड़ा 15 मार्च को ED मुख्यालय में ही था लेकिन उस दिन कंफ्रंट नहीं करवाया गया।अब कह रहे हैं कि दिनेश अरोड़ा से कंफ्रंट करवाना है।

सुनवाई के दौरान सिसोदिया कि ओर से कहा गया कि मुझसे सिर्फ आधे आधे घंटे की पूछताछ करते हैं, कभी टी ब्रेक, कभी मेडिकल ब्रेक ले लेते हैं। इस पर जज ने कहा कि आपको आराम देने के लिए वो ऐसा करते होंगे। वहीं सिसोदिया की ओर से कोर्ट को यह भी बताया कि फर्स्ट हाफ में पूछताछ के लिए बैठा रहता हूँ। सेकंड हाफ में थोड़ी देर पूछताछ करते हैं। मैंने जांच अधिकारियों से खुद बोला है कि मुझे रात भर बैठाओ लेकिन पूछताछ करो।

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