Kanpur Sikh Riots: पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख दंगे के आरोपी को बड़ी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने सिख दंगे के आरोपी कानपुर के बृजेश दुबे की जमानत अर्जी की मंजूर कर दिया है। कोर्ट ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने का भी आदेश जारी कर दिया है। कोर्ट ने आरोपी को कुछ नकद जमा कराने और दो शर्तों के चलते रिहा करने का आदेश दिया है।
Kanpur Sikh Riots: क्या है पूरा मामला?
बता दें कि साल 1984 में सिंख दंगे के दौरान कानपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (Ordnance Factory) के क्वाटर नंबर जी-1/557 के पास दो शव बरामद हुए थे। हत्या का आरोप कानपुर के बृजेश दुबे पर लगाया गया था। बृजेश के खिलाफ कानपुर नगर के थाना अमरापुर (Amrapur) में आईपीसी की धारा 147, 436 और 302 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बता दें कि यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता में बैठाई थी। इसके बाद इस मामले में 1986 में जांच आयोग की अंतिम रिपोर्ट दाखिल हुई। मामले पर मजिस्ट्रेट के सामने रिपोर्ट को पेश किया गया था लेकिन मजिस्ट्रेट ने उस रिपोर्ट पर कोई संज्ञान नहीं लिया था। साथ ही रिपोर्ट में हुई सभी कार्रवाई को भी रोक दिया था, तब इस फैसले के बाद मामले में किसी को दोषी नहीं माना गया था।
लेकिन घटना के 34 साल बाद 23 जनवरी 2020 को एसआईटी गठित कर फिर से जांच कराई गई। इस जांच में मृतक वजिर सिंह की पत्नी जोगिंदर कौर के बयान के आधार पर याची बृजेश दुबे को आरोपी बना दिया गया। जबकि जोगिंदर कौर ने इसके पहले हुई जांच में बृजेश दुबे का नाम नहीं लिया था। अब कोर्ट ने याची के तर्कों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत पर छोड़ने का आदेश पारित कर दिया है।
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