Delhi High Court ने राजधानी में गुटखा और पान मसाला उत्‍पाद पर रोक लगाने का आदेश किया रद्द

Delhi High Court: गौरतलब है कि दिल्‍ली सरकार ने वर्ष 2015 में इस संबंध में एक आदेश जारी किया था। न्‍यायमूर्ति गौरंग कंठ ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्‍ली सरकार ने इन उत्‍पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए साल दर साल कई अधिसूचनाएं जारी की हैं।

0
149
Delhi High Court: top news on Tobacco products
Delhi High Court

Delhi High Court: दिल्‍ली हाईकोर्ट ने राजधानी में गुटखा और पान मसाला सहित चबाने वाले अन्‍य तंबाकू उत्‍पादों के निर्माण, बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लगाने के दिल्‍ली सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि दिल्‍ली सरकार ने वर्ष 2015 में इस संबंध में एक आदेश जारी किया था।
न्‍यायमूर्ति गौरंग कंठ ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्‍ली सरकार ने इन उत्‍पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए साल दर साल कई अधिसूचनाएं जारी की हैं।लेकिन इनमें कहीं भी खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का पालन नहीं है।

Delhi High Court: Update News on Tobacco Products.
Delhi High Court: rejects ban on tobacco products in Delhi.

Delhi High Court: याचिकाकर्ताओं ने दी लाइसेंस लेकर कारोबार करने की दलील

Delhi High Court : top hindi news on Tobacco Products .
Delhi High Court: rejects ban on tobacco products in Delhi.

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने विभिन्‍न तंबाकू उत्‍पादों के निर्माता और कारोबारियों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जारी अधिसूचनाओं को सिरे से रद्द कर दिया। इस बाबत याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वे सभी जरूरी लाइसेंस लेकर इन पदार्थों का उत्‍पादन कर रहे थे।दिल्‍ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान धूम्रपान रहित और धूम्रपान दोनों में तंबाकू के इस्‍तेमाल से होने वाले हानिकारक प्रभावों पर भी जोर दिया।

कोर्ट ने तंबाकू के किसी भी रूप के इस्‍तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य समाज और देश का सबसे महत्वपूर्ण हिस्‍सा है। हालांकि, निर्विवाद रूप से अदालत इस बात से सहमत है कि तंबाकू और निकोटीन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।पीठ ने कहा कि वर्तमान मामले में कानून के कुछ प्रश्न शामिल हैं। इन्हें केवल जनता की चेतना और भावनाओं के आधार पर तय नहीं किया जा सकता है।

Delhi High Court: फ्लेवर्ड और सुगंधित दोनों तरह के चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के लिया लाइसेंस

दरअसल गुटखा कारोबारियों ने कोर्ट को बताया कि फ्लेवर्ड और सुगंधित दोनों तरह के चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के निर्माण और बिक्री के कारोबार के लिए सभी नियमों का पालन किया है। इस कानून के तहत सभी सभी आवश्यक लाइसेंस और अनुमति प्राप्त की है।याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर आक्षेपित अधिसूचनाओं को चुनौती दी थी कि उक्त अधिसूचनाएं खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के विपरीत थी।

क्योंकि दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को इस अधिनियम के तहत चबाने वाले तंबाकू के निर्माण या बिक्री पर इस तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा था कि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के तहत तंबाकू उत्पाद एक अनुसूचित उत्पाद है। इसे एफएसएसए के दायरे में भोजन के रूप में नहीं माना जा सकता है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here