दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को BharatPe की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के संबंध में अशनीर ग्रोवर और माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि इस स्तर पर जांच पर रोक लगाने का कोई मामला नहीं बनता है।
कोर्ट ने आगे कहा कि जहां तक पुलिस द्वारा अग्रिम नोटिस जारी करने की उनकी प्रार्थना का संबंध है, दोनों कानून के तहत उपलब्ध अन्य उपायों को अपना सकते हैं। न्यायालय ने आदेश दिया, “इस अदालत का विचार है कि इस स्तर पर, जांच पर रोक लगाने के लिए कोई मामला नहीं बनता है और जहां तक अग्रिम नोटिस का संबंध है, याचिकाकर्ता कानून के अनुसार उनके लिए उपलब्ध अन्य उपायों को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं।”
कोर्ट ने ग्रोवर्स द्वारा एफआईआर को रद्द करने की याचिका के साथ-साथ अंतरिम राहत की याचिका पर दिल्ली पुलिस और BharatPe को नोटिस जारी किया। बता दें कि दिसंबर 2022 में BharatPe ने दंपती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और इस साल मई में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। BharatPe ने करीब ₹81 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
पुलिस ने अपनी एफआईआर में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात के साथ-साथ जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों को लागू किया है।