Allahabad High Court ने नाबालिग लड़की से जबरन शादी कराने की आरोपी पीलीभीत की शिवानी मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की पीड़िता को संरक्षण देने में लापरवाही बरतने पर पीलीभीत के बाल कल्याण समिति के चेयरमैन और पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जुनैद केस में पॉक्सो एक्ट की पीड़िता को संरक्षण देने के निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
Allahabad High Court में जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए जस्टिस अजय भनोट ने प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास और DGP को कार्रवाई करने और एक महीने में उसकी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
Allahabad High Court ने सेशन कोर्ट को एक साल में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया
इसके साथ ही Allahabad High Court ने सेशन कोर्ट को आपराधिक केस का ट्रायल को एक साल के बीतर पूरा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष और अभियुक्तों को ट्रायल समय के भीतर पूरा करने में सहयोग देने का भी निर्देश दिया है।
इस मामले में सरकारी अधिवक्ता ने स्वीकार किया कि पीड़िता के कोर्ट ने दिए गए धारा-164 के बयान को गलत तरीके से पेश करके जमानत ली गई है। उन्होंने सही बयान दाखिल किया। जिस पर कोर्ट ने 29 नवंबर 2021 को दी जमानत वापस ले ली है।
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक वो 12 साल की है
मेडिकल जांच रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 12 साल बताई गई है। पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि वह होली खेल रही थी। शिवानी मिश्रा उसे मोटरसाइकिल पर अपने कमरे में ले गई। नहलाया और साड़ी पहनाई। फिर मन्दिर में ले गई जहां नितिन मिश्र ने उसकी मांग में सिंदूर भरा और नशीला पेय पदार्थ पिलाया।
इसके बाद वह होश में नहीं रही तो उसके साथ संबंध बनाए। कोर्ट ने कहा कि पिता ने एफआइआर दर्ज कराई है। बयान व एफआइआर के तथ्य में समानता है। यदि जमानत दी गई तो याची ट्रायल प्रभावित कर सकती है,जो पीड़िता के हित में नहीं होगा। इस वजह से अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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